मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित नाटक ‘हिन्द दी चादर’के मंचन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड सिख कोआर्डिनेशन कमेटी एवं श्री गुरू तेग बहादुर चैरिटेबल चिकित्सालय द्वारा नाटक ‘हिन्द दी चादर’का मंचन कार्यक्रम दून मेडिकल कॉलेज,पटेल नगर देहरादून में किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के अद्वितीय बलिदान और धर्मरक्षा के योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने उस समय प्राणों की आहुति दी,जब देश की संस्कृति,आस्था और आत्म सम्मान पर संकट गहराया हुआ था। उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया,वह आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी को ‘हिन्द दी चादर’यूं ही नहीं कहा गया। उन्होंने राष्ट्र की एकता,धर्म की स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका साहस, बलिदान और उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
मुख्यमंत्री ने कह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और राज्य सरकार सिख समाज के हितों की रक्षा तथा उनके धार्मिक स्थलों के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने करतारपुर कॉरिडोर,श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए पंजीकरण,वीर बाल दिवस की घोषणा,1984दंगा पीड़ितों को न्याय और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना जैसे निर्णयों का उल्लेख करते हुए उन्हें ऐतिहासिक बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को राज्यभर में भव्य रूप से मनाने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का कार्य प्रगति पर है,जिससे श्रद्धालुओं को 45 मिनट में यात्रा सुलभ होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नाटक के आयोजकों और कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस मंचन के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारे गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास किया गया है। यह नाटक केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक सजीव प्रेरणा का स्रोत है।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री स.मनजिंदर सिंह सिरसा,विधायक विनोद चमोली,गुरूदेव सिंह,नाटक मंचन के आयोजक एवं कलाकार उपस्थित थे।