बादल फटने

गोपेश्वर: उत्तराखण्ड में चमोली जनपद के थराली तहसील के अंतर्गत सोलघाटी, घाट प्रखंड, देवाल प्रखंड सहित कई इलाकों में बादल फटने से कई माकन, दुकाने और वाहन प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। सोमवार तड़के हुई तबाही ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। बादल फटने से अचानक आई इस आपदा से लोगों ने घर से बाहर भागकर अपनी जान बचाई। इस आपदा में कई लोगों की गौशाला में जानवर मलबे के अन्दर ही दबकर मर गए हैं। स्थानीय निवासी अब अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर परेशान हो चल रहे हैं। इस तरह की तबाही से अब लोगों के भविष्य पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।

सोमवार तड़के थराली प्रखंड की सोलघाटी तथा घाट प्रखंड की मोख घाटी में बादल फटने से हुई बर्बादी के मंजर ने लोगों को बुरी तरह हिला कर रख दिया है। इस घटना से अब लोग अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर एक बार चिंता में डूबते दिखाई देने लगे हैं। बताते चलें कि आपदा की दृष्टि से चमोली जनपद जोन 5 में स्थित है। भूकंप के साथ ही बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाएं इस जिले में आम हो गई हैं। प्राकृतिक तबाही के कारण लोगों के सम्मुख भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। बताते चलें कि पिंडर घाटी की सोल घाटी आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। हर साल इस घाटी में प्राकृतिक विनाश लीला का रौंद्र रूप सामने आता रहा है।

यमुनोत्री में फटा बादल कई दुकाने तबाह

उत्तरकाशी: यमुनोत्री धाम के उपर बादल फटने से यमुनोत्री धाम, जानकी चटटी, सहित यमुना तट से लगे विभिन्न कस्बो में रात्री  लगभग 2: 30 बजे से अफरा तफरी का माहोल बना रहा जबकि जानकी चटटी में करीब 15 मिनट तक धरती पर कम्पन महसूस किया गया. इस तबाही मे यमुनोत्री में मन्दिर को जोडने वाला लोहे का पैदल पुल बीआईपी रूम मन्दिर की सीडियां, पुजा सामाग्री, और चाय की चार दुकाने बह गयी। इसके साथ ही जानकी चटटी में दस दुकाने क्षतिग्रस्त हो गई। मंगलवार 2: 20 रात्री को यमुनोत्री के उपर अचानक बादल फट गया जिससे यमुना ने भारी मात्रा में मिटटी पत्थर, बहने तथा नदी के उफान पर होने से यमुनोत्री और जानकी चटटी समेत तटर्वती ईलाकों में अफरा तफरी का माहोल बन गया। इससे यमुनोत्री और जानकी चटटी में कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गयी। जिससे दुकानों में रखा लाखों रूपय का सामान बह गया। बादल फटने से फसे कई यात्रियों को यमुनोत्री व जानकी चटटी, पुलिस सहित स्थानीय लोगो ने सुबह तक सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया यमुनोत्री पैदल मार्ग का राम मन्दिर के पास 15 मीटर हिसा क्षतिग्रस्त हो गया इसके आलावा वन विभाग की चैकी क्षतिग्रस्त हो गयी है जिससे यमुनोत्री धाम की यात्रा पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है पैदल मार्ग के टूटने से प्रसाशन ने तीर्थ यात्रयों को यमुनोत्री धाम जाने से रोकना शुरू कर दिया है। बादल फटने से क्षेत्र में पेयजन का संकट उत्पन हो गया है। जबकि बिजली के पोल गिरने से विद्युत आपुर्ति भी ठप हो गयी है।

थराली ब्लाक की सोलघाटी में बादल फटने से भारी तबाही, परिसंपतियों को नुकसान

थराली ब्लाक की सोलघाटी में आपदा का कहर टूट पड़ा है। बादल फटने की घटना से सोलघाटी क्षेत्र बाढ़ तथा भूस्खलन की चपेट में आ गया। कई आवासीय मकान और दुकानों के साथ ही वाहन आपदा की भेंट चढ़ गए। सोलघाटी के ढाढरबगड़ में भारी तबाही से लोग मुसीबत में फंस गए हैं। खेतों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, पुल तथा सड़क मार्ग भी ध्वस्त हो गए हैं, तथा पावर हाउस भी चढ़ा आपदा की भेंट चढ़ गया है। हालाँकि इस आपदा में जनहानि होने से बच तो गई किंतु इससे निजी तथा सरकारी परिसंपतियों को भारी नुकसान पहुंचा है। करीब 2.30 बजे तड़के आई इस आपदा ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। ढाढरबगड़ में प्राणमती नदी में ननोल के पास बादल फटने से अचानक आई बाढ़ से दुकानें तथा वाहन आपदा की भेंट चढ़ गए। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी देवानंद चंदोला व कैलाश चंदोला ने बताया कि तड़के 2.30 बजे बाहर बारिश हो रही थी कि अचानक जमीन हिलने लगी। बाहर देखा तो चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा था। उन्होने कहा कि इस नजारे को देख उनके होश उड़ गए हैं और उन्होने सुरक्षित स्थान पर पहुँच कर जान बचाई। इसी बीच ढाढरबगड़ में स्थित सभी दुकानें तथा वाहन आपदा की भेंट चढ़ गए थे। इस दैवीय आपदा में सोलघाटी के दो दर्जन से अधिक गांवों का व्यावसायिक केंद्र ढाढरबगड़ बुरी तरह तबाह हो गया है। आपदा में राम सिंह, बलवंत सिंह, हयात सिंह, मदन सिंह, बीरेंद्र सिंह, यशपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, हुकम सिंह, कैलाश चंद्र, बासवानंद, जसपाल सिंह, जयदत्त चंदोला व मोहन सिंह की दुकानें आपदा की भेंट चढ़ गई। इसके अलावा जसपाल सिंह, मुकेश, मनमोहन एवं दिनेश की मैक्स टैक्सी वाहन, कलम सिंह एवं सुरेंद्र सिंह की मोटर साइकिल तथा हुकम सिंह की कार तथा कैलाश चंद्र चंदोला का 3 कमरों का आवासीय भवन भी प्राणमती नदी में समा गए। इस आपदा में सोलघाटी का ढाढरबगड का मोटर पुल भी प्रकृति की भेंट चढ़ गया। प्राणमती नदी पर रतगांव को जाने वाला पैदल पुल, लेटाल को जाने वाला पैदल पुल एवं घुंघुटी को जाने वाला पैदल पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। ढाढरबगड़ से रतगांव को जाने वाली सडक पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। विद्युत विभाग के अवर अभियंता हेमंत चमोली ने बताया कि प्राणमती नदी में लगभग 2 किमी का पावर हाउस व विद्युत लाइन पोलों समेत आपदा की भेंट चढ़ गई हैं। इसके अलावा ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो गया है। सोलघाटी की इस घटना के बाद जिलाधिकारी आशीष जोशी भी प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे और उन्होने स्थिति का जायजा लेकर बचाव व राहत कायरे का जायजा लिया। तहसील के साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच कर आपदा प्रभावितों की मदद में जुटी रही। क्षेत्र प्रमुख राकेश जोशी, बुरसोल के प्रधान रणजीत सिंह झिंक्वाण, रूईसाण के सुदर्शन सिंह, डुंग्री के प्रेमशंकर सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य मोहन सिंह, जिला पंचायत सदस्य मीना देवी आदि भी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच कर स्थानीय लोगों के साथ राहत व बचाव कायरे में जुटे रहे।

घाट ब्लाक में बर्बादी के मंजर से कई परिवार हुए बेघर

घाट प्रखंड के धुर्मी, कुंडी तथा सेराबगड़ में भी अतिवृष्टि के कारण भारी बर्बादी हो गई है। इस आपदा में कई परिवार बेघर हो गए हैं और कई परिवारों के पास सिर ढकने के लिए छत ही नहीं रह गई है। सोमवार तड़के घाट विकास खंड के धुर्मी, कुंडी तथा सेराबगड़ में भी आपदा का कहर बरपा। बादल फटने से आई आपदा से कई परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। मोख मल्ला की प्रधान अनुसूया देवी त्रिपाठी ने बताया कि इस आपदा से लोग दहशत में आ गए। तड़के हुई आपदा से लोग सुरक्षित स्थानों को भाग कर जान बचा गए। उन्होने बताया कि आपदा के इस कहर ने पूरे क्षेत्र को तबाह कर दिया है। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उनके अनुसार इस आपदा में जानकी देवी, गंभीर लाल, पुष्कर लाल, विनोद कुमार, राकेश लाल, गबरू लाल, विक्रम लाल, युद्धबीर लाल, नंद लाल तथा मुकेश लाल की मकानें बाढ़ की भेंट चढ गई है। इसके अलावा जानकी देवी व पुष्कर लाल की भैंस भी आपदा के कहर में समा गई हैं। लोगों का घर गृहस्थी का सामान भी आपदा में तबाह हो गए है। स्वजल की पेयजल योजना के साथ ही शौचालय भी ध्वस्त हो गए हैं। बर्मी कंपोस्ट के साथ ही मनरेगा के तहत हुए कार्य भी आपदा में समा गए हैं। यहां काफी भूमि भी बर्बाद हुई है। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ भी तड़के मौके पर पहुंचे और उन्होने पूरे प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होने प्रभावितों के बीच पहुंच कर उन्हें ढाढस भी बधाया। उन्होने बताया कि घाट ब्लाक  के प्रभावित क्षेत्रों से बताया कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को तत्कालिक सहायता के रूप में कपड़े व बर्तन खरीदने हेतु 3800 रुपए की धनराशि वितरित की जा रही है। इसके साथ ही अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविर लगाए जा रहे है। यहां उनके लिए आवश्यक भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। इस क्षेत्र के मोटर मार्ग भी अवरूद्ध होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। पुलिस की रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच कर लोगों की मदद में जुटी हुई है। थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह भी घाट विकास खंड के बांसवाड़ा, धुर्मा, मोख मल्ला बगड़ आदि प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंची। उन्होने प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच कर लोगों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। इस मौके पर क्षेपंस केवल सिंह नेगी, अब्बल सिंह नेगी, बांसवाड़ा के प्रधान धीरेंद्र सिंह नेगी, कंचन नेगी आदि विधायक के साथ रहे और उन्होने भी पूरी स्थिति से विधायक को अवगत कराया।

देवाल प्रखंड में भी बरपा आपदा का कहर, कुलिंग गांव में फटा बादल

 देवाल प्रखंड में भी तड़के आई मूसलाधार बारिश से सरकारी तथा निजी परिसंपतियों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस घटना से जनजीवन प्रभावित हो गया है। सोमवार तड़के अतिवृष्टि के कारण देवाल विकास खंड में भी प्रकृति का कहर बरपा है। इस आपदा में 2 मोटर पुल तथा 6 पैदल पुलियाएं आपदा की भेंट चढ़ गई है। बगड़ीगाड़ स्थित भगवान शिव का मंदिर भी आपदा में बह गया है। कुलिंग गांव में बादल फटने से पूरा गांव तहस नहस हो गया है। गांव के पैदल मार्ग, पेयजल लाइन, घराट तथा खेत खलियान आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। इस अतिवृष्टि से देवाल-थराली, देवाल-मुंदोली-वाण, देवाल-घेस-हिमनी, देवाल-खेता, देवाल-ग्वालदम, देवाल-बेराधार, देवाल-सवाड़ आदि सड़कों पर आए मलवे से यातायात ठप्प रहा। दोपहर बाद सड़क मागरे को खोलने का काम शुरू हुआ। इसके बाद देवाल-थराली, देवाल-खेता, देवाल-सवाड़, देवाल-मुंदोली सड़कें आवाजाही के लिए खुल गई हैं। लोहाजंग-वाण मोटर मार्ग कुलिंग के पास दो मोटर पुलों के बह जाने तथा 100 मीटर सड़क के क्षतिग्रस्त होने से वाण का संपर्क शेष दुनिया से कट गया है। कुलिंग के पूर्व प्रधान भुवन सिंह ने बताया कि गांव में बादल फटने से गांव की चार पैदल पुलिया तथा पैदल मार्ग बहने के साथ ही खेत तबाह हो गए हैं। इस घटना में गोविंद सिंह के दो घराट, अमर सिंह व दीवान सिंह के एक-एक घराट भी बह गए हैं। इसके अलावा पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने से देवाल बाजार की पेयजल आपूर्ति ठप्प हो गई है। देवसारी झूला पुल में मलवा आने से रास्ते की दीवारें टूट गई है। इससे पुल को खतरा पैदा हो गया है।