हेलीकॉप्टर कंपनियों की मिलीभगत से चल रही है ब्लैक टिकटिंग
देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के लिए संचालित हवाई सेवाओं में चल रही ब्लैक टिकटिंग से तीर्थयात्रियों की परेशानियाँ बढ़ गयी हैं।कुछ यात्री, बाहरी व्यक्तियों द्वारा ब्लैक टिकटिंग से परेशान हैं, तो कुछ यात्री हेलीपैड के निकट लगातार लग रहे जाम से परेशान हैं। टूर एंड ट्रेवल्स की आड़ में बाहरी राज्यों से आये ब्लैकमेलर केदारघाटी की आबोहवा को खराब कर रहे हैं। सरकार की टेंडर प्रक्रिया के कारण इस बार कम हेली ही कम्पनियों को स्वीकृति मिली है, जिस कारण स्वीकृत हेली कम्पनियों की बल्ले बल्ले हो रही है। हेली कम्पनियों और टिकट ब्लैकमेलरों की मिली भगत के कारण तीर्थयात्रियों की आस्था पर भी कुठाराघात होना लाजिमी है। बाहरी राज्यों से आये टिकट ब्लैकमेलर प्रति टिकट दो से तीन हजार के करीब मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि प्रशासन की टीम सभी हेलीपैड पर पूरी तरह से सक्रिय है और ऐसे तथाकथित लोगों पर नजर रखे हुए है। पुलिस ने इस गोरखधंधे में लिप्त कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन हैली कम्पनी के विरूद्ध अभी भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। कुछ लोगों का आरोप है कि सरकार ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ की, साथ ही किराये में मामूली सा फेरबदल किया है। मस्ता, नारायणकोटी से संचालित हेली कम्पनियां 7,300/- में टिकट दे रही हैं तो फाटा और अन्य स्थानों से टिकट 6,300/- में बेची जा रही है। जबकि फाटा, शेरसी आदि स्थानों से एक हेलीकांप्टर एक घंटे में 6 या 7 राउंड लगा रहा है। वहीं मस्ता और नारायणकोटी से एक घंटे में बमुश्किल 3 ही राउंड लगाये जा रहे हैं। इस हिसाब से तो फाटा आदि स्थानों से किराया आधा होना चाहिए था, जबकि ऐसा नहीं है। वहीं दूसरी ओर टूर ट्रेवल्स की आड़ में ब्लैकमेलर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और बदनाम स्थानीय लोग हो रहे हैं। बिना हेली कम्पनियों की मिलीभगत से टिकट ब्लैक करना इतना आसान नहीं है, जब सत्तर फीसद आनलाइन और तीस फीसद तत्काल टिकट प्रत्येक कम्पनी कर रही है, तो भारी मात्रा में तत्काल की टिकट कैसे बेची जा रही है। वहीं प्रश्न यह भी है कि क्या बिना कम्पनी की मिलीभगत के इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। हेलीपैड पर मानक के अनुसार पार्किंग व्यवस्था नहीं है, जिस कारण हेलीपैड के निकट मार्ग के दोनों ओर वाहन खड़े रहने से अन्य तीर्थयात्रियों को ऐसे स्थान से गुजरने में दिक्कतें आ रही हैं।