देहरादून : उत्तराखंड राज्य के 10 युवाओं ने देश की प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा पास कर राज्य का गौरव बढ़ाया है। युवाओं की इस सफलता से राज्य में उत्साह का माहौल है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सर्विस परीक्षा-2019 के नतीजों का ऐलान कर दिया। प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा में उत्तराखंड के 10 युवाओं ने सफलता हासिल कर राज्य का गौरव बढ़ाया है। इसमें रामनगर निवासी शुभम बसंल ने ऑल इंडिया 43वीं रैंक हासिल की है।
शुभम वर्तमान में आरबीआई कानपुर में जनरल मैनेजर के पद पर तैनात हैं। वहीँ देहरादून की विशाखा डबराल ने 134वीं रैंक हासिल की है। रुड़की के ओजस्वी राज ने 227वीं, चमोली जिले के देवाल की प्रियंका को 257वीं, रूद्रप्रयाग जिले के मूल निवासी मुकुल जमलोकी ने 260वीं रैंक हासिल की है। जबकि गोपेश्वर चमोली के रहने वाले प्रशांत की 397वीं रैंक है। इसके अलावा बाजपुर के ऋजुल ने भी सिविलि सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की उन्हें 702वीं रैंक मिली है। जौनसार बावर की सृष्टि ने 734 और त्यूणी तहसील के देवाघार खत के मेघाटू गांव निवासी श्रुति शर्मा ने 775वीं रैंक हासिल की। भवाली निवासी अमित दत्त ने 761वीं रैंक प्राप्त की है।
शुभम बंसल (43वीं रैंक)
नैनीताल जिले के रामनगर निवासी शुभम बंसल ने सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 43 रैंक हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। शुभम रामनगर से आईएएस की परीक्षा पास करने वाले पहले शख्स हैं। रामनगर के आटा मिल व्यवसायी अतुल बंसल के पुत्र शुभम ने ने 10वीं की परीक्षा काशीपुर के लिटिल स्कॉलर स्कूल से पास की।शुभम वर्तमान में आरबीआई कानपुर में जनरल मैनेजर के पद पर तैनात हैं।
विशाखा डबराल (134वीं रैंक)
देहरादून की बेटी विशाखा डबराल ने दो साल बाद फिर सिविल सेवा परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने 2018 में आए सिविल सेवा परीक्षा-2017 के परिणामों में देशभर में 134वीं रैंक पाई थी। वर्तमान में वह गुजरात कैडर की आईपीएस हैं। सिविल सेवा परीक्षा 2019 में देहरादून के तुनवाला निवासी बीपी डबराल की बेटी विशाखा डबराल ने देशभर में फिर 134वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता बीपी डबराल पुलिस महकमे में अधिकारी हैं।
ओजस्वी राज (227वीं)
रुड़की के ओजस्वी राज ने 227वीं रैंक हासिल की है।
प्रियंका (257वीं रैंक)
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के रामपुर गांव की रहने वाली प्रियंका ने सिविल सेवा परीक्षा में 257वीं रैंक हासिल की है। बेहद साधारण परिवार से आने वाली प्रियंका के पिता दीवान राम किसान हैं और मां विमला देवी गृहिणी। प्रियंका ने खुद ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढाई का खर्च उठाया है।
मुकुल जमोलकी (260वीं रैंक)
मूलरूप से केदारनाथ तथा वर्तमान में देहरादून निवासी मुकुल जमलोकी ने सिविल सेवा परीक्षा में 260वीं रैंक हासिल की है. मुकुल के पिता डॉ. ओमप्रकाश जमलोकी दूरदर्शन में कार्यरत हैं। मां इंदु शिक्षिका हैं। मुकुल जमोलकी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दून स्थित ब्राइटलैंड स्कूल से की। इसके बाद दिल्ली से बीटेक किया। मुकुल लगातार तीन बार सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए हैं। इस बार उनकी रैंक 260है।
चमोली के प्रशांत नेगी (397वीं रैंक)
चमोली जिले के विकासखंड पोखरी के खाल बजेठा गांव निवासी प्रशांत बादल नेगी ने यूपीएससी परीक्षा में 397 वां स्थान प्राप्त किया। प्रशांत के पिता हरेंद्र सिंह नेगी गोपेश्वर में व्यवसायी हैं और उनकी माता पूनम नेगी गृहिणी है। यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर प्रशांत ने चमोली का गौरव बढ़ाया है। प्रशांत ने वर्ष 2010 में इंटर कॉलेज गोपेश्वर से विज्ञान वर्ग में इंटर की परीक्षा 72 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की।
ऋजुल (702वीं रैंक)
ऊधमसिंहनगर जिले के बाजपुर निवासी ऋजुल भी यूपीएससी क्वालीफाई कर आइएएस बने हैं। उन्हें यूपीएससी में 702वीं रैंक प्राप्त हुई है। ऋजुल के पिता बाबूलाल वन विभाग खटीमा में एसडीओ हैं.
जौनसार बावर की सृष्टि (734वीं रेंक)
जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र की रहने वाली सृष्टि ने भी UPSC परीक्षा में देशभर में 734वीं रेंक हासिल की है। सृष्टि जौनसार बावर की खत मंज्यारना (उदपाल्टा) के नेवी गांव से ताल्लुक रखती है। सृष्टि के पिता दौलत सिंह आईटीबीपी में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं।
अमित दत्त (761वीं रैंक)
भवाली के घोड़ाखाल रोड निवासी अमित दत्त ने यूपीएससी की परीक्षा क्वालीफाई की है। अमित को यूपीएससी में 761वीं रैंक हासिल हुई है। अमित ने कुर्मांचल एकेडमी अल्मोड़ा से 10वीं व 12वीं की परीक्षा पास की है। अमित दत्त ने कुमाऊं यूनिवर्सिटी अल्मोड़ा से हिस्ट्री से पीजी किया है। उनके पिता सुनील दत्त जल निगम व माता गृहिणी है।
श्रुति शर्मा (775वीं रैंक)
त्यूणी तहसील के मेघाटू निवासी श्रुति शर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में 775वीं रैंक हासिल की है। श्रुति के पिता जगतराम शर्मा ओएनजीसी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि माता गृहणी हैं। अपनी सफलता का श्रेय परिजनों को देते हुए बताया कि उसने पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की है।