श्रीनगर गढ़वाल: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर में 25वां बाल प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 2022-23 में उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के हाईस्कूल एवं इंटर में योग्यता क्रम में आने वाले विभिन्न विद्यालयों के करीब 120 से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं तथा ग्रामीण क्षेत्र में अध्ययनरत प्रथम क्षेणी में उत्तीर्ण छात्रों को मेडल, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में जीआईसी श्रीनगर, जीजीआईसी श्रीनगर, सरस्वती विद्या मन्दिर श्रीनगर, जीआईसी नवाखाल, जीआईसी देवलगढ, जीआईसी खन्डाह, राउमा विद्यालय जाख तथा जीआईसी सुमाडी के छात्रों ने प्रतिभाग किया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय के डीन प्रो. राकेश डोडी ने कार्यक्रम संयोजक अखिलेश चंद्र चमोला को बधाई देते हुए कहा कि प्रत्येक साल अपने निजी संसाधनों से मेधावी छात्रों को सम्मानित करना सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि इससे विद्यालयों के अन्य छात्र भी बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित होते हैं।
जीजीआईसी की प्रधानाचार्य सुमनलता पंवार ने कहा कि वर्तमान समय प्रतियोगिता का है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को आगे बढ़ने में सहायक होते हैं। समाज सेवी गब्बर सिंह भन्डारी ने कहा कि चमोला द्वारा आयोजित कार्यक्रम का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस कार्यक्रम में अभिभावक भी उत्साहित दिखायी दे रहे थे। एक शिक्षक की यह सबसे महत्व पूर्ण उपलब्धि है। राज्य आन्दोलनकारी उम्मेद सिंह मेहरा ने कहा कि बच्चों पर केन्द्रित कार्यक्रम, बच्चों को प्रोत्साहित करना विशिष्ट कार्य है।
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक अखिलेश चन्द्र चमोला ने शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक अनुप्रयोग करने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया। जिनमें वीना मेहरा, लता पंवार, सन्तोष पोखरियाल, भगवती प्रसाद गौण, चन्द्र प्रकाश आदि को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, वैज अंलंकरण व शाल ओडाकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर अखिलेश चन्द्र चमोला ने कहा कि भावी पीढी हमारी राष्ट की धरोहर है, इनके सामने हमें अपने आदर्श प्रस्तुत करने चाहिये। ये हमारा अनुकरण करते हैं। इनका सम्मान करना सम्पूर्ण राष्ट का सम्मान करना है। पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने पर देव राघवेन्द्र सिंह चौधरी को विशेष रुप से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन आंग्ल भाषा के प्रवक्ता तथा प्रसिद्व लेखक राकेश मोहन कन्डारी ने किया। मुख्यवक्ता के रूप मॅ शिक्षा विद प्रवेश चमोली, सन्तोष पोखरियाल, सुबोध हटवाल, हरेन्द्र कुमार, श्वेता बिष्ट आदि ने अपने बिचार रखे।