Nanda Devi Gallantry Award

देहरादून: प्रदेश की राजधानी देहरादून स्थित उत्तराखंड विधानसभा भवन में मां नंदा देवी सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह वीरता और साहस के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाली उत्तराखंड की 13 वीरांगनाओं को मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने किया। श्री नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति की ओर से हर साल अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता है। इस बार पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में कार्यरत महिला को सम्मान दिया जा रहा है।

इस अवसर पर ऋतु खंडूड़ी ने मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित महिलाओं को शुभकामनाएं दी। खंडूड़ी ने कहा उत्तराखंड मां सती और मां पार्वती का क्षेत्र है और यहीं मां नंदा भी है। यहां के हर क्षेत्र में मातृ शक्ति ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमारे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र की महिलाएं न केवल स्वावलंबी बनकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ी हैं, बल्कि भावी संगठनों का निर्माण करते हुए सशक्त भी हुई हैं।

उन्होंने कहा आज का युग महिला शक्ति का युग है। एक महिला परिवार में मां के साथ-साथ कई भूमिकाएं एक ही वक्त पर अदा कर रही है। यह उसका सामर्थ्य है कि वो घर-बाहर, हर मोर्चे पर अपना सर्वश्रेष्ठ दे पा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा अब जरूरत इस बात की है कि सफल महिलाओं से प्रेरणा लेते हुए हर महिला आर्थिक स्वावलंबन की चुनौती स्वीकार करें।

इन वीरांगनाओं को मिला सम्मान

  • सरिता ढौंडियाल : शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की माता सरिता ढौंडियाल
  • रेखा बिष्ट : शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की माता रेखा बिष्ट
  • ममता रावत: भटवाडी, उत्तरकाशी निवासी ममता रावत ने होमस्टे एवं ट्रैकिंग के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा और इन्होंने 2013 की आपदा में राहत कार्य में अपना विशेष योगदान दिया।
  • फ्लाइंग ऑफिसर निधि बिष्ट : सेना की जांबाजी के किस्से से प्रेरित होकर पौड़ी की बेटी निधि बिष्ट ने देश की सेवा में जाने का कदम उठाया।
  • बीना बेंजवाल: लेखिका, कवि एवं कई सामानों से सम्मानित बीना बेंजवाल ने समय-समय पर विभिन्न पुस्तकों, पत्र पत्रिकाओं में समसामयिक महिला विमर्श एवं लोक भाषा पर लेखों के माध्यम से अपना योगदान दिया है।
  • सीता देवी बुरफाल: पिथौरागढ़ निवासी 80 वर्षीय सीता देवी बुरफाल ने बीते कई सालों से समाज की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया है। साथ ही पलायन को रोकने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उनकी सक्रिय भूमिका रही है।
  • अनीता टम्टा: गंगनाथ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से (देवलधार) बागेश्वर की वीरांगना अनिता टम्टा ने कोरोना काल में मास्क बनाकर, इंदिरा अम्मा भोजनालय संचालित करने सहित हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर क्षेत्र की कई महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ा।
  • कलावती बडाल: एडवेंचर पर काम करने वाली कलावती बडाल क्लाइंबिंग बियोंड द समिट्स (सीबीटीएस) की सक्रिय सदस्य हैं। धारचूला की रहने वाली इस पर्वतारोही ने 2021 की आपदा में भारत चीन सीमा पर बंद रास्तों के बीच अपनी टीम के माध्यम से हजारों लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया।
  • अशिता डोभाल: नौगांव उत्तरकाशी की रहने वाली वीरांगना अशिता डोभाल ने शिक्षा स्वास्थ्य और स्वावलंबन क्षेत्र में कार्य कर गरीब एवं वंचित वर्ग के लोगों को स्थानीय स्वरोजगार से जोड़कर आजीविका उपलब्ध कराई। साथ ही पहाड़ की गौरवमई संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखने के लिए पहाड़ी व्यंजन को विशेष पहचान दिलाने में अपना योगदान दिया।
  • निवेदिता पंवार: चंबा टिहरी में ग्राम प्रधान के पद पर रहते हुए कोरोना जैसी महामारी एवं विभिन्न आपदाओं के समय क्षेत्र के लोगों की सेवा एवं समाज कार्य किया।
  • आशा देवी: बागेश्वर की रहने वाली वीरांगना आशा देवी ने सैकड़ों स्वयं सहायता समूह एवं ग्राम संगठन बना कर क्षेत्र की महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा किया।
  • गीता देवी पांगती: महिला जनजाति उत्थान समिति के माध्यम से गीता देवी पांगती ने मुनस्यारी में स्वयं सहायता समूह बनाकर हस्तशिल्प के कार्यों को बढ़ावा देते हुए महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान किए। साथ ही पलायन को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • तारा पांगती: मुनस्यारी, पिथौरागढ़ की रहने वाली तारा पांगती ने समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य, महिला आयोग की सदस्य, जोहार घाटी महिला हथकरघा समिति की अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर रहते हुए महिलाओं के उत्थान की दिशा में कार्य किया।
  • तारा टाकुली: कपकोट बागेश्वर में तारा टाकुली ने विभिन्न समाज सेवा के कार्यों से महिलाओं को जागरूक करने की दिशा में कार्य किया।
  • तारा जोशी: स्थानीय उत्पादों एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर तारा जोशी ने टनकपुर चंपावत में ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार पैदा किया। वहीं विभिन्न सहायता समूह का गठन कर आजीविका के संसाधन उत्पन्न किए।

कार्यक्रम में केंद्रीय समाज कल्याण राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया और दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल शामिल हुए।