श्रीनगर गढ़वाल : प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वारीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आज श्रीनगर गढ़वाल में शिव समर्पण समारोह का आयोजन किया गया। आयोजित शिव विवाह समारोह में देश भर की 15 ब्रह्मकुमारी बहनों ने भगवान शिव से विवाह कर बह्माचर्य अपना लिया है। इसके साथ ही इन सभी ने अपना जीवन परमात्मा शिव के दिव्य कार्य में व सामाज की अलौकिक सेवा में स्वेच्छा से समर्पित किया। इस अनेखे शिव समपर्ण के साक्षी बनने के लिए बडी संख्या में लोग कार्यक्रम में उमडे।
बंधन वेडिंग प्वांइट में आयोजित शिव समर्पण समारोह में प्रदेश के चिकित्सा, शिक्षा स्वास्थय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि लोगों के जीवन सकारात्मकता की ओर ले जा कर खुशहाल बनाने का कार्य प्रजापतिा ब्रह्मकुमारी ईश्वारीय विश्वविद्यालय कर रहा है। वहीं विश्वविद्यालय हर कार्य समपर्ण भाव से करता है, समपर्ण किसी के प्रति हो बहुत बडी बात होती है।
उन्होंने कहा कि बहृमकुमारी ईश्वारीय विश्वविद्यालय कई क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहा है। खास कर आध्यत्कि शिक्षा देने व समाज में नशे जैसे बुराई को समाप्त करने के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखण्ड को नशा मुक्त प्रदेश बनाने व बच्चों को मौलिक शिक्षा देने के क्षेत्र में ब्रह्मकुमारी ईश्वारीय विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करेगी। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय के समाने जो भी दिक्कत आयेगी उन्हें वह दूर करने का प्रयास करेगें।
इस दौरान राजयोगी ब्रह्मकुमारी डॉ मृत्युंजय, डॉ उषा दीदी समेत देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी भी मौजूद रहे। आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम के दौरान माउंट आबू से आई प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वारीय विश्वविद्यालय की वक्ता राजयोगिनी ब्रकु डॉ. ऊषा दीदी ने संबोधित करते हुए कहा कि मन की शांति सबसे बड़ी शांति है। कहा कि इंसान को अपने अह्म को त्यागना चाहिए जब तक मनुष्य अह्म को नहीं त्याग सकता तब तक वह पूर्ण रूप से समर्पित नहीं हो सकता है। कहा कि देव भूमि शिव की भूमि है इसलिये श्रीनगर में चैतन्य शिवालय का बनाया गया है। जो कि जीवन को श्रेष्ट व सुन्दर बनाने की दिशा देगा। उन्होंने कहा कि आज जिन 15 बहनों ने अपने को शिव समर्पण किया है ये पार्वतियों को ही रूप है। इन्होंने ईश्वर के साथ अनोखा सम्बन्ध स्थापित किया है। वहीं इनके माता पिता ने इन्हें जन्म देकर अपने कुल का उद्वार किया है। वहीं उन्होंने कहा कि हमें आगे बढने के लिए अपना ईगो छोडना होगा। जैसे ही हम अपना ईगो छोडेगें जीवन में नया परिवर्तन देखने को मिलेगा। कार्यक्रम से पूर्व नगर में भव्य शोभा यात्रा भी निकाली गयी।
देशभर की इन 15 युवतियों ने लिया बह्मचर्य
श्रीनगर में आयोजित शिव समर्पण समारोह के दौरान प्रदेश व देश के विभिन्न राज्यों की 15 लड़कियों ने शिवलिंग से विवाह कर अपना जीवन ब्रह्चार्य के लिए समर्पित किया। इस दौरान बारात का भी आयोजन किया गया. जिसके तहत इन 15 बहनों को ढोल, बैंड बाजों के साथ कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। यहॉ शिव लिंग के सात फेरे लेने व जयमाला पहनने के बाद ये सभी ब्रह्मकुामरी बनीं। कार्यक्रम में विश्व कल्याण की सेवा में तत्पर राजयोगिनी बहनें नेहा, ज्योति, रवीना, पूनम, ज्योति, प्रियंका, दमयन्ति, नीशु, किरण, शिवानी, नीरू, सपना, सुभद्रा, रूबी और सुनीता ने शिव को अपने आप को समर्पण कर ब्रह्मचर्य का संकल्प लेते हुए प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय से जुड़कर अपना जीवन समाज सेवा के लिए अर्पित किया। इस अवसर पर इनके माता पिता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। परिजनों ने भी नम आखों से अपनी बेटियों को विदाई दी व नये जीवन की शुभकामनाएं भी दी। अलौकिक शिव समर्पण समारोह को देखने बडी संख्या में लोग कार्यक्रम स्थन पंहुचे। इस अनोखे विवाह को देखने व साक्षी बनने के लिए समारोह बडी संख्या में उमडे।
आयोजित शिव समर्पण समारोह के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा दादी मनोहरइंद्रा राजयोग भवन का उद्घाटन किया गया। यह भवन ब्रहम्कुमारियों के रहने के लिए बनाया गया है। डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि प्रजापिता ब्रह्मकुमारी प्रदेश व देश में समाजसेवा के लिए बेहतर कार्य कर रही है। कहा कि उत्तराखण्ड़ सरकार, बह्रमकुमारी विवि के साथ नशा मुक्ति को लेकर एक एमओयू भी साईन करेगा। जिसके तहत बड़ा अभियान चलाया जायेगा।