Cloudburst in Uttarakhand : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रायपुर इलाके में बीती 19 अगस्त की रात में हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना के बाद आई आपदा में लापता हुए लोगों के शव मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। सरखेत गांव में हुयी अतिवृष्टि से आपदा के बाद लापता लोगों में से तीन के शव आज यानी बुधवार को मिले।
SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा एनडीआरएफ व अन्य बचाव इकाइयों के साथ संयुक्त सर्च ऑपरेशन के माध्यम से आपदा के दौरान ग्राम सरखेत, जनपद देहरादून से तीन शवों को बरामद कर लिया गया है। विगत चार दिनों से एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व अन्य बचाव इकाइयों द्वारा लगातार सर्चिंग की जा रही थी। बुधवार को पोकलैंड से मलबा साफ करते हुए 3 शव बरामद हुए।
19 अगस्त को देर रात आयी आपदा के बाद से सरखेत गांव में बरसाती पानी व मलबा घुस जाने से 05 लोग लापता हो गए थे। जिनकी सर्चिंग SDRF द्वारा की जा रही थी। जिसमे से 3 शव आज बरामद किए गए है । शेष की सर्चिंग अभी जारी है।
शवों की पहचान निम्नानुसार हुई है।
- राजेंद्र सिंह राणा पुत्र श्री रणजीत सिंह राणा आयु 40 वर्ष, निवासी जैंदवाड़ी टिहरी गढ़वाल
- सुरेंद्र सिंह पुत्र श्री बीर सिंह आयु 45 वर्ष निवासी टिहरी गढ़वाल
- विशाल पुत्र श्री रमेश आयु 15 वर्ष निवासी भैंसवाड़ा।
उत्तराखंड में 19 अगस्त को रात में हुई भारी बारिश के बाद आपदा में अब तक 9 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 12 घायल और 08 लोगों को लापता बताया गया। टिहरी में पांच लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। इनमें तीन ग्वाड़ गांव, एक सिल्ला और एक मृतक कीर्तिनगर का है। ग्वाड़ गांव के चार लोग अब भी लापता बताए गए हैं, जबकि 20 भवनों, पांच गोशाला के क्षतिग्रस्त होने का आकलन किया गया है।
टिहरी में बुधवार सुबह फिर फटा बादल
उत्तराखंड में टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र के चिरबटिया के ऊपर बादल फटने की सूचना मिली है। बादल फटने से जनहानि नहीं हुई है, लेकिन खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बादल फटने की पुष्टि की है। गदेरे यानी बरसाती नाले से उफान से घनसाली के आसपास के क्षेत्रों में तबाही मचा दी है। वहीं टिहरी जिले में बादल फटने का असर रुद्रप्रयाग के सीमावर्ती गांवों में भी हुआ है। यहां खेत खलिहाल मलबे से पट गए हैं।
बुधवार सुबह 7 बजे चिरबटिया के ऊपर बादल फटने की सूचना मिली है। जिससे मूलगढ़-थार्ती मार्ग थार्ती के पास बंद हो गया है। बताया जा रहा है कि मूलगढ़ क्षेत्र के ऊपर बादल फटा है, जिससे कृषि भूमि को बहुत नुकसान पहुंचा है। वहीं नरेन्द्रनगर के समीप मलबा और बोल्डर आने से ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे फिर से यातायात के लिए बंद हो गया है। चार दिन बाद बीती रात को ही हाईवे यातायात के लिए खुल पाया था।