श्रीनगर गढ़वाल: राजकीय बालिका अन्तर कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में गुरुवार 25 अगस्त को सतत विकास के लिए बुनियादी विज्ञान संभावनाएं एवं चुनौतियाँ” विषय पर ब्लॉक स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी आयोजित की गई. संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी अश्विनी रावत तथा विशिष्ट अतिथि उप शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी में खिर्सू ब्लॉक के 25 विद्यालयों की 37 बाल वैज्ञानिकों ने सतत विकास के लिए बुनियादी विज्ञान संभावनाएं एवं चुनौतियाँ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए.

इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी रावत ने संगोष्ठियों की आवश्यकता एवं प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित होती है. उन्होंने विद्यार्थियों से निर्भीकता एवं आत्मविश्वास से प्रस्तुतीकरण करने को भी कहा. वहीँ  उप शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती ने विद्यार्थियों को जीवन के सतत विकास में विज्ञान की भूमिका क्या हो सकती है कि बारे में समझाया.

संगोष्ठी आरंभ होने से पूर्व सह समन्वयक पीयूष मणि धस्माना ने संगोष्ठी के नियम एवं तकनीकी बिंदुओं से प्रतिभागियों एवं निर्णयकों को अवगत कराया. प्रतियोगिता के निर्णायक विक्रम सिंह नेगी (प्रवक्ता भौतिक विज्ञान) राजकीय इंटर कॉलेज खंडाह, शशि राणा (प्रवक्ता रसायन विज्ञान) राजकीय इंटर कॉलेज देवलगढ़, सुमन रावत (प्रवक्ता गणित) राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर थे.

प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे

प्रथम स्थान : किरण प्रताप राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर

द्वितीय स्थान : अनुष्का राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धारखोला

तृतीय स्थान : प्रिशी रावत राजकीय इंटर कॉलेज स्वीत

प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रधानाचार्य सुमनलता पवार द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार दिया गया. अंत में प्रधानाचार्य सुमन ललिता पवार ने सभी शिक्षकों, अधिकारियों में विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया. मंच संचालन डॉ. सरिता उनियाल (प्रवक्ता) राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर के द्वारा किया गया. संगोष्ठी में 25 विद्यालयों के 37 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया.

मुख्य अतिथि अश्वनी रावत खंड शिक्षा अधिकारी ने छात्रों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुतीकरण करने के लिए शुभकामनाएं दी और प्रधानाचार्या श्रीमती सुमन लता पवार ने  प्रतिभागियों को अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित किया किया.

संगोष्ठी में हेम चन्द्र मँमगाई, सन्तोष पोखरियाल, मंजू जुयाल, पियूष पाणि धस्माना,बन्दना रावत, आशा डिमरी, जया बहुगुणा आदि शिक्षक उपस्थित थे।