उत्तराखंड में सोमवार, मंगलवार को हुई भारी और भूस्खलन के बाद कई संपर्क मार्ग बंद हैं। आज भी कई स्थानों पर हालात बहुत खराब हैं। राहत-बचाव कार्य में पुलिस, एनडीआरफ और एसडीआरएफ सहित कई टीमें लगी हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई मुआयना कर हैं। इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी स्थित काठगोदाम सर्किट हाउस में लोगों की समस्याएं सुनीं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शाम उत्तराखंड जाएंगे। वह समीक्षा बैठक करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। उत्तराखंड में भारी बारिश-भूस्खलन और बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। हजारों लोग फंसे हुए हैं भारतीय वायुसेना के जवान बाढ़ की चपेट में आए उत्तराखंड में बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। वायुसेना ने बाढ़ प्रभावित पंतनगर में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली। सुंदरखाल गांव के पास 3 जगहों पर फंसे 25 लोग फंसे हुए थे। इन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सबसे ज्यादा बारिश का असर उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में हुआ है। ज्यादातर मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से हुई हैं। कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। बारिश से अब तक राज्य में 47 लोग जान गंवा चुके हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि भारी बारिश की वजह से कई मकान ढह गए। कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं। धामी ने चारधाम यात्रियों से अपील की है कि वे जहां हैं वहीं रहें। मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें। मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया था। उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की। वहीं अल्मोड़ा में लैंडस्लाइड से मकान गिरने के कारण 3 बच्चों की दबकर मौत हो गई। एक महिला के घायल होने और एक व्यक्ति के लापता होने की भी खबर है।
कुमायूं के कई इलाकों में अभी भी संपर्क मार्ग कटा हुआ है
उत्तराखंड के कुमाऊं के कई इलाकों का बाकी हिस्सों से संपर्क पूरी तरह से कट चुका है। मलबे के कारण जिले के कई रास्ते भी बंद हो गए हैं। लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपेरशन जारी है। बुधवार को भी नैनीताल के आसपास क्षेत्र में जनजीवन सामान्य नहीं हो सका है। सड़कों, दुकानों और घरों में पानी भरा हुआ है। भारी बारिश और भूस्खलन के बाद अभी भी कई लोग लापता हैं। राज्य की अधिकतर नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से मामूली नीचे है. एसईओसी ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई। दूसरी ओर बुधवार को राजधानी देहरादून सहित अधिकतर इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं का असर अब न के बराबर है। उत्तराखंड के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में इसका प्रभाव सिर्फ 48 घंटे के लिए ही था।