homestay housing scheme in uttarakhand

पौड़ी: मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना व दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास होमस्टे योजना की बैठक आयोजित हुई। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना के तहत कुल 09 आवेदनों में 06 आवेदनों को वाहन मद के लिए तथा 02 आवेदन गैर वाहन मद के लिए अनुमोदित किया गया। जिसमें 01 आवेदन के औपचारिकता अपूर्ण होने पर निरस्थ किया गया। दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास (होमस्टे) योजना में कुल 05 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें सभी आवेदनों का अनुमोदन किया गया।

मुख्य विकास अधिकारी ने आयोजित बैठक में संबंधित आवेदकों को कहा कि समय पर बैंकों में अपने दस्तावेज जमा करें। साथ ही उन्होंने आवेदकों को निर्देशित किया कि होटल, रेस्टोरेंटों में अनिवार्य रूप से पार्किंग, साफ-सफाई तथा महिला व पुरुष के लिए पृथक-पृथक शौचालय की व्यवस्था करें। कहा कि वाहन मदों के अंतर्गत स्वीकृत किये गये वाहनों का उपयोग केवल पर्यटक गतिविधियों के लिए किया जाय। साथ ही उन्होंने आवेदकों को निर्देशित किया कि होमस्टे नियमावली के अंतर्गत नियमानुसार 01 से 06 कमरे बनाएं तथा उनका आकार व डिजाइन भी नियमावली के अनुरूप दिये गये प्रावधानों व पहाड़ी शैली में बनाएं।

इस दौरान उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी व लीड बैंक अधिकारी को निर्देशित किया कि पर्यटन के अंतर्गत योजनाओं की परियोजना लागत निर्धारित सीमा के भीतर रखी जाए तथा मारजिंग मनी को भी ध्यान में रखते हुए ऋण राशि स्वीकृत की जाए। अनुमोदन किया गया योजना के तहत वाहन मद में 25 प्रतिशत सब्सिडी अथवा अधिकतम 10 लाख रूपए तथा गैर वाहन मद में 33 प्रतिशत सब्सिडी अथवा 33 लाख रूपए की अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। वहीं दीन दयाल उपाध्याय होमस्टे योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत अनुदान राशि अथवा अधिकतम 15 लाख की धनराशि दी जाती है।

वाहन मद के अंतर्गत दीप सिंह थलीसैंण, सोवराज सिंह पौड़ी, ताजवर सिंह कोटद्वार, हिमंद कुमार कोटद्वार, संजय सिंह थलीसैंण का चयन किया गया। जबकि गैर वाहन मद के लिए दरबान सिंह चाकीसैंण तथा मंजरी पांडे कोटद्वार द्वारा प्रस्तुत आवेदनों का अनुमोदन किया गया। वहीं होमस्टे योजना के अंतर्गत रतन सिंह यमकेश्वर, अवनीश नेगी पोखड़ा, निशा सिंह कोट, शशि भूषण यमकेश्वर तथा सवित्री देवी यमकेश्वर द्वारा दिये गये आवेदनों का अनुमोदन किया गया।

क्या है होम स्टे योजना

कोरोना महामारी के चलते बीते 2 वर्ष देश-दुनिया में पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पर्यटक स्थल पर रहने वाले लोगों के लिए कामकाज का जरिया उपलब्ध कराने और घूमने जाने वाले लोगों को कम कीमत में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार ने पंडित दीनदयाल गृह आवास योजना लांच किया था।

उत्तराखंड सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना शुरू करने का उद्देश्य स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और पर्यटकों को सस्ती कीमत पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराना है। तथा पर्यटकों को राज्य के व्यंजन, संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और पारंपरिक/पहाड़ी शैली से परिचित कराने के साथ साथ  स्थानीय रोजगार सृजन के द्वारा प्रदेश से पलायन रोकना है। अब आप अपने घर को पर्यटकों के विश्राम स्थल के रूप में ऑफर कर लोग अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बना सकते हैं। और लोगों को कामकाज या कारोबार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उत्तराखंड सरकार ने पंडित दीन दयाल होम स्टे योजना के साथ साथ वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के आवेदन ऑनलाइन लेना शुरू कर दिया। ताकि जल्द जल्द से राज्य में आर्थिक स्थिति बेहतर हो और रोज़गार के अधिक अवसर पैदा हों।

होम स्टे योजना के फायदे

  • होम स्टे योजना में घर का नवीनीकरण करने के लिए पात्र आवेदकों को बैंक लोन लिए जाने की हालत में सरकार से मदद मिलेगी।
  • होम स्टे से आमदनी पर शुरुआती तीन साल तक SGST की धनराशि की भरपाई विभाग द्वारा की जाएगी।
  • होम स्टे योजना के प्रचार-प्रसार के लिए अलग वेबसाइट और मोबाइल एप विकसित किया गया है।
  • होम स्टे संचालकों को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  • तीस लाख रुपये की सीमा तक कमर्शियल लोन की स्वीकृति के बदले कोलेटरल पर लगने वाले शुल्क की होगी प्रतिपूर्ति।
  • पुराने भवनों के आधुनिकीकरण, साज-सज्जा, अनुरक्षण एवं नए शौचालयों के निर्माण पर भू-उपयोग परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी।

कितनी सरकारी मदद मिलेगी?

  • मैदानी जनपदों हेतु लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम रु० 7.50 लाख की सहायता
  • पांच साल हेतु अधिकतम रु० 1.00 लाख/वर्ष की ब्याज सहायता
  • पर्वतीय जनपद हेतु लागत का 33 प्रतिशत या अधिकतम रु० 10.00 लाख सहायता
  • पांच साल हेतु अधिकतम रु० 1.50 लाख/वर्ष की ब्याज सहायता

होम स्टे योजना की शर्तें

  • भवन में मकान मालिक अपने परिवार के साथ रह रहा हो।
  • अपने भवन का होम स्टे योजना के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य।
  • पर्यटकों के लिए 1 से 6 कमरों की व्यवस्था की जा सकेगी।
  • यह योजना नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण प्रदेश में लागू।
  • पारंपरिक/पहाड़ी शैली में निर्मित/विकसित भवनों को प्राथमिकता।

Deen Dayal Home Stay Yojana  में पात्रता एवं शर्तें

  • आवेदन करने वाला व्यक्ति अपने परिवार के साथ घऱ में ही रह रहा हो।
  • इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • योजना का लाभ केवल उत्तराखंड के नागरिकों को ही दिया जाएगा।
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का खुद का घर होना अनिवार्य है।
  • पर्यटकों को रखने के लिए 1 से लेकर 6 कमरों तक का इंतजाम किया जाना जरूरी है।
  • यह योजना नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण प्रदेश में लागू होगी।
  • पारंपरिक, पहाड़ी शैली से निर्माण किए गए घरों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • सब्सिडी के द्वारा हासिल की गई रकम के अलावा बची हुई सारी रकम का इंतजाम आवेदक को करना होगा, इसके लिए वह लोन भी ले सकता है।

पंडित दीन दयाल होम स्टे योजना में आवेदन हेतु दस्तावेज

  • आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास उत्तराखंड का निवास प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा।
  • आधार कार्ड होना अनिवार्य है
  • वोटर आईडी कार्ड
  • एड्रेस प्रूफ
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी

कौन कर सकते हैं आवेदन

उत्तराखंड के वह लोग जिनका खुद का घर है वह इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको योजना से जुड़ी आधिकारिक साइट http://vcsgscheme.uk.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।