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देहरादून: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नई पहल नई सोच” द्वारा देहरादून के आई.आर.डी.टी ऑडियोरियम में विभिन्न क्षेत्रों में जमीनी धरातल पर उतकर उत्कृष्ट कार्य करने वाली उत्तराखंड की पांच महिलाओं को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाली महिलाओं में एसिड पीड़ितों के लिए काम करने वाली डॉ. प्रतिभा नैथानी, अंधे बच्चों को उत्तरकाशी के नौगांव में शिक्षा देने वाली विजय लक्ष्मी, स्वयं दिव्यांग होकर पिछले 20 वर्षों में 25 हजार से भी अधिक दिव्यांगों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने वाली सुश्री मधु मैखुरी, उत्तराखण्ड में राजुला मालूशाही का जागर गाने वाली जागर गायिका बागेश्वर की श्रीमती कमला देवी तथा आदि कैलाश व कैलाश मानसरोवर यात्रा के मार्ग के गांव पिथौरागढ़ के नबी गांव में होम स्टे के माध्यम से ग्रामीणों के लिए आर्थिकी के नए रास्ते शुरू करने वाली ग्राम प्रधान श्रीमती सनम देवी नबियाल सम्मानित की गई।

कार्यक्रम का शुभारम्भ समाज सेवी एवं हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत माता मंगला जी एवं भोले जी महाराज, बद्री-केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाई, गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी एवं नई पहल नई सोच के संस्थापक और अधिवक्ता संजय दरमोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया।

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नई पहल नई सोच के मंच पर सम्मानित उत्तराखंड की मातृ शक्ति का अभिवादन करते हुए। समाज सेवी माताश्री मंगला जी ने कहां कि मेरे लिए आज का दिन बहुत ही गर्व का दिन हैं कि आज इस मंच पर हमें पहाड़ की उन महिला शख्सियतों  को सम्मानित करने का मौका मिला है। जो सही मायने में पहाड़ की सोच,पहाड़ की विचारधारा और पहाड़ के संघर्षों को खुद में स्थापित करते हुए। कई महिलाओं के लिए प्रेरक बनी है। मैं संजय दरमोड़ा जी को बधाई देना चाहूंगी कि आपने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके ऐसे महिलाओं का सम्मान करने का हमें मौका दिया। जो वाकई में पहाड़ के परिवेश को नये स्वरूप में विश्व पटल पर विस्थापित कर रही है। मैं शैलश्री सम्मान से सम्मानित मधु मैखुरी,कमला देवी,विजयलक्ष्मी जी,देवी श्री सम्मान से सम्मानित सनम देवी नबियाल और प्रतिभा नैथानी जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूं की आप सभी पहाड़ के पटल पर अपने-अपने क्षेत्रों में नयी भूमिका के साथ आगे बढ़ रही है।

इस अवसर पर राजधानी के आइआरटीड़ी प्रेक्षागृह में इस कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड की महिला के संघर्ष पर बनी लघु फ़िल्म “ऊँमा बोल दियां” की स्क्रीनिंग से हुई। इस लघु फ़िल्म के निर्देशक कविलाश नेगी ने बताया कि यह फ़िल्म सुप्रसिद्ध साहित्यकार बल्लभ डोभाल की कहानी “कही अनकही” पर आधारित है जिसकी शूटिंग ट्रायबल बॉय फ़िल्म के बैनर तले देहरादून व उसके आस-पास के गांवों में हुई है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी समारोह में उपस्थित महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहां कि हमारी बेटी- ब्यारियों के लिए आज सम्मान की बात हैं कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उनका सम्मान हो रहा है। उनके संघर्षों का सम्मान हो रहा, उनकी गाथाओं का सम्मान हो रहा है। इसके लिए नई पहल नई सोच की पूरी टीम और भूला संजय दरमोड़ा बधाई के पात्र है। मैं पहाड़ की नारी और पूरी दुनिया की महिलाओं को इस दिवस पर प्रणाम करता हूं। इस मौके पर नरेंद्र सिंह नेगी ने एक खूबसूरत गीत “बेटी ब्वारी पहाड़ों की…प्रीत जन कुंगली डोर भि छन ई, पर्वत जन कठोर भि छन.. बेटी ब्वारी पहाड़ों की “ सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस मौके पर नई पहल नई सोच के तत्वावधान में आयोजित महिला सम्मान समरोह में देश-विदेश के बड़ी संख्या में समाज सेवी, लेखक-पत्रकार और लोक कलाकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन गढ़वाली लेखक-कवि गणेश खुगशाल गणी ने किया।