CHAMOLI AVALANCHE: उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के माणा के पास शुक्रवार को हुए भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार से जारी है। राहत एवं बचाव दल द्वारा अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। जबकि 5 लोगों के लिए रेस्क्यू जारी है। इसबीच एक समाचार मिला कि ग्लेशियर के मलबे से रेस्क्यू किए गए 4 मजदूर की मौत हो चुकी है।
अभी तक, रेस्क्यू किए गए 50 में से 27 व्यक्तियों को जोशीमठ पहुंचाया गया। दुर्भाग्य से इन घायलों में से 4 घायलों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। बाकी 5 श्रमिकों को बचाने के लिए सेना द्वारा खोज अभियान जारी है। गौरतलब है कि चमोली के माणा में शुक्रवार को आए एवलॉन्च के मलबे में BRO के लिए काम कर रहे 55 श्रमिक दब गए थे। 33 श्रमिकों का रेस्क्यू शुक्रवार को ही कर लिया गया था। 17 श्रमिकों का रेस्क्यू आज शनिवार को किया गया। इनमें से 4 श्रमिकों ने दम तोड़ दिया है। इस हादसे में नैनीताल जिले के हल्द्वानी के रहने वाले दो भाई भी थे. जिन्होंने मौत को दात दी है.
नरेश बिष्ट और दीक्षित बिष्ट दोनों ही नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित बरेली रोड के रहने वाले हैं. दोनों भाई चमोली माणा गांव में नौकरी करते हैं. नरेश बिष्ट के पिता धन सिंह बिष्ट का कहना है घटना के बाद से वह काफी चिंतित थे. उनकी बात शुक्रवार शाम 8 बजे नरेश से हुई थी. जिसमें नरेश ने अपना हाल-चाल उनको बताया. उनका कहना है कि मेरा बेटा और भतीजा दोनों ही ठीक हैं. दोनों ही आर्मी अस्पताल में भर्ती हैं. जहां उनका उपचार चल रहा है.
युद्धस्तर पर संचालित है रेस्क्यू अभियान, कंट्रोल रूम से हो रही मॉनीटरिंग
वायु सेवा का एक एम।आई।-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी ने आवश्यकता पड़ने पर और अधिक हेलीकॉप्टर लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को दोपहर 03 बजे तक माणा/बद्रीनाथ से रैस्क्यू किये गये लोगों में से 29 लोगों को हैलीकाप्टर के माध्यम से जोशीमठ लाया गया, जिनका उपचार आर्मी हास्पिटल में किया जा रहा है।
राहत एवं बचाव कार्य में बद्रीनाथ में लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। इनमें आपदा प्रबंधन सेना, आइ।टी।बी।पी। बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेवा यूकाड़ा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।माणा स्थित आर्मी बेस कैम्प के पास आर्मी हैलीपैड़ को तैयार कर लिया गया है। बद्रीनाथ स्थित आर्मी हैलीपैड़ पर 6-7 फीट बर्फ है जिसे हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। बद्रीनाथ के पास बर्फबारी के कारण अभी भी 5-6 कि0मी0 रास्ता बंद है, जिसे खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।