ragging in Srinagar Medical College

Srinagar Medical College Ragging case : राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में MBBS प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ रैगिंग मामले में कॉलेज प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की गयी है। कालेज प्रशासन ने रैगिंग करने वाले 7 छात्रों को तीन माह के लिए शैक्ष​णिक गतिविधियों से भी निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र ने छात्रावास में रैगिंग होने की शिकायत एनएमसी (राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग) के पोर्टल में की थी। छात्र का आरोप था कि 11 नवंबर की रात छात्रावास-3 में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों की रैगिंग ली है।

एनएमसी की ओर से सूचना मिलने पर प्राचार्य प्रो. सीएमएस रावत ने शिकायत की जांच के लिए एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक ली। रविवार को दोबारा प्राचार्य ने कमेटी की बैठक लेते हुए घटनाक्रम की जानकारी ली।

कमेटी ने पीड़ित छात्र के आरोप में सत्यता पाई। इसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस बैच 2019 के पांच और 2020 बैच के दो छात्रों को तीन माह के लिए शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया। इसके अलावा सातों छात्रों को छात्रावासों से स्थायी रूप से निष्कासित कर दिया।

कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि 11 नवंबर की रात छात्रावास बदलते हुए कुछ सीनियर छात्रों की 2021 बैच के छात्रों से बहस हो गई। 12 नवंबर को मामला संज्ञान में आया। जांच कमेटी की संस्तुति के आधार पर यह मामला रैगिंग का माना गया। इसके बाद निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई की गई।

गालीगलौज करने के साथ कपड़े उतरवाए

प्राचार्य की अध्यक्षता में अनुशासन समिति ने 12 नवंबर को संबंधित 30 छात्रों को बुलाकर जब घटना की जानकारी ली, तो पता चला कि सात छात्रों ने उनको हास्टल की छत पर ले जाकर गालीगलौज करने के साथ ही उनके कपड़े भी उतरवाए। रैगिंग करने वाले सात सीनियर मेडिकल छात्रों ने पिछले एक साल से कालेज में पढ़ रहे 2021 बैच के 30 छात्रों के साथ रैगिंग की।