Uttarakhand Unsafe Bridges: उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों से बरसात के मौसम में अक्षर पुल टूटने की घटनायें सुनने में आती रहती हैं। हाल ही में पौड़ी जिले के कोटद्वार में भारी बारिश के चलते मालन नदी पर बना पुल टूट गया था। जिसमे 3 लोग बह गए थे। इसके बाद सरकार ने उत्तराखंड के सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए थे। इसके परिणाम चौंकाने वाले आए हैं। सिक्योरिटी ऑडिट रिपोर्ट में प्रदेश के 75 पुलों को असुरक्षित माना गया है। असुरक्षित पुलों के मामले पौड़ी टॉप पर है। पौड़ी जनपद में 15 पुल असुरक्षित हैं। असुरक्षित पाए गए 75 पुलों में से ज्यादा खतरनाक पुलों पर तत्काल ट्रैफिक रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले साल गुजरात में मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने के बाद उत्तराखंड सरकार ने नवंबर 2022 में राज्य के पुलों के सुरक्षा ऑडिट का आदेश दिया था। ऑडिट में प्रदेश के सभी पुलों की स्थिति की समीक्षा की गई। पहले 35 पुलों को असुरक्षित माना गया था। इसबीच कोटद्वार की घटना के बाद सरकार की ओर से फिर सिक्योरिटी ऑडिट कराया गया है। पुलों को लेकर कराए गए ताजा सिक्यूारिटी ऑडिट में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में असुरक्षित पुलों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है। इसमें से अकेले पौडी जिले में 15 पुल असुरक्षित की श्रेणी में हैं। राज्य सरकार ने अब बेहद खराब स्थिति वाले पुलों पर वाहनों की आवाजाही रोकने का आदेश दिया है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हम आवश्यक कदम उठा रहे हैं। क्षतिग्रस्त पुलों की प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत की जाएगी। उत्तराखंड प्रदेश में कुल पुलों की संख्या 3262 है। पुलों को लेकर कराए गए ताजा ऑडिट में असुरक्षित क्षेणी के पुलों को चिह्नित किया गया है। पौड़ी जिले में 15 पुलों के असुरक्षित माना गया है। वहीँ देहरादून के 13 पुलों को असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है। इसके बाद चमोली के 9, टिहरी के 7, उत्तरकाशी और हरिद्वार में 6-6, उधम सिंह नगर में 5, अल्मोड़ा में 4, पिथौरागढ और नेशनल हाइवे पर 3-3, नैनीताल में 2 और रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में एक-एक पुल को असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है। राज्य सरकार ने पुराने और जर्जर पुलों को बदलने की योजना बनाई है।