seeded rakhis by the Ayurveda department

देहरादून: रक्षा बंधन के पावन अवसर पर आयुर्वेद विभाग, देहरादून ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नवाचार प्रस्तुत करते हुए बीजयुक्त (Seed Based) राखियों के वितरण का निर्णय लिया है। यह वितरण कार्यक्रम 07 और 08 अगस्त को जिले के विभिन्न विद्यालयों में संचालित किया जा रहा है।

इस विशेष अभियान का शुभारंभ जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार द्वारा दिनांक 06 अगस्त को विकास भवन सभागार, देहरादून में किया गया। उन्होंने बीजयुक्त राखियों को “प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एक रचनात्मक प्रयास” बताया। डॉ. कुमार के अनुसार, इस प्रकार की राखियाँ बच्चों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी का भाव जागृत करेंगी और उन्हें हरियाली की ओर प्रेरित करेंगी।

इस कार्यक्रम के लिए डॉ. डी. सी. पसबोला को जिला मीडिया प्रभारी नामित किया गया है, जो समस्त सूचना एवं प्रचार-प्रसार की ज़िम्मेदारी संभालेंगे।

डॉ. कुमार ने कहा कि यह पहल बच्चों के माध्यम से समाज में हरित चेतना फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगी। बीजयुक्त राखियाँ राखी बांधने के पश्चात मिट्टी में बोई जा सकती हैं, जिससे पौधे उगते हैं और एक स्थायी स्मृति के साथ साथ पर्यावरण को भी लाभ पहुँचता है।

यह पहल रक्षा बंधन पर्व को केवल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक नहीं रहने देती, बल्कि इसे प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण के संकल्प से भी जोड़ती है।