श्रीनगर गढ़वाल: पौड़ी गढ़वाल के नगर निगम श्रीनगर को पहली मेयर मिल चुकी है। मेयर पद पर भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप चुनाव मैदान में उतरी आरती भंडारी ने भाजपा को बड़ा झटका देकर ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए श्रीनगर की पहली महापौर बनने का गौरव हासिल किया है।

आरती भंडारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी आशा मैठाणी उपाध्याय को 1,639 से ज्यादा वोटों से हराकर शानदार जीत दर्ज की। आरती भंडारी को कुल 7,959 वोट मिले। जबकि भाजपा की आशा उपाध्याय को 6,320 मत प्राप्त हुए। कांग्रेस की मीना रावत को 2075, यूकेडी प्रत्याशी सरस्वती देवी को 243 व निर्दलीय प्रत्याशी पूनम तिवाड़ी को 2633 मत पाकर संतोष करना पड़ा। 90 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया, जबकि 483 मद रद्द किए गए।

गौरतलब है कि मेयर पद पर टिकट बंटवारे से नाराज पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष लखपत भंडारी ने अपनी पत्नी आरती भडारी को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार दिया था। जिसके बाद श्रीनगर विधानसभा से भाजपा ने इसे नाक की लड़ाई बनाते हुए एडी चोटी का जोर लगा दिया था। यहाँ तक प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में श्रीनगर आना पड़ा। परन्तु बावजूद इसके आरती भंडारी ने ऐसी कुलहाड़ी चलाई, जिसके आगे बीजेपी धराशाही हो गयी।

शनिवार देर शाम चुनाव परिणाम घोषित होते ही जीत की खुशी में आरती भंडारी के समर्थकों ने विजयी जुलूस भी निकाला। अपनी जीत के बाद नवनिर्वाचित मेयर आरती भंडारी ने जनता का आभार व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि वह अपने घोषणापत्र को पूरी तरह लागू करेंगी। उन्होंने कहा, यह जीत जनता की जीत है। श्रीनगर के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करूंगी।