AI for Uttarakhand Seminar: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सेमिनार (AI for Uttarakhand) में भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य में एआई मिशन को सफल बनाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की। कहा, एआई के सहयोग से राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर मंथन करना है। एआई से इकोलॉजी, इकोनमी, टेक्नोलॉजी, अकाउंटेबिलिटी और सतत विकास में महत्वपूर्ण विकास होने वाला है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। इसके अलावा आपदा व जलवायु परिवर्तन में भी एआई कारगर साबित हो सकता है। कहा कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित 224 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडिया रिपोर्ट में भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी देशों में स्थान दिया गया है।

कहा, इसका प्रमाण है कि सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक धरोहर, उत्कृष्ट मानव संसाधन से संपन्न है। एक बड़ा भू-भाग जंगलों से आच्छादित है। एआई का सही उपयोग करने पर इन संसाधनों का प्रयोग सर्वोत्तम तरीके से कर सकते हैं। कृषि, पर्यटन, स्वास्थ, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में एआई के उपयोग को बढ़ाकर सफलता की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा और क्लाइमेट चेंज को और अधिक समझने में एआई की मदद से प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। एआई मिशन के तहत केंद्र से बेहतर समन्वय करके एआई के अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। कहा, प्रदेश के विभिन्न संस्थानों, इंस्टीट्यूट के सहयोग से एआई के लिए प्रभावी तंत्र बनाने पर कार्य करेंगे। महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा, वर्तमान समय एआई का है।

कहा उत्तराखंड देवभूमि संग ही स्पिरिचुअल, साइंटिफिक सॉल्यूशन की भूमि है। यहां कई केंद्रीय संस्थान हैं। एआई को राज्य के विकास से जोड़ते हुए कृषि, पर्यटन, गुड गवर्नेंस, लाइवलीहुड, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्र में कार्य करना है।

दिनेश त्यागी ने कहा, स्कूल-कॉलेज के छात्रों को एआई का बेसिक शिक्षण देना जरूरी है। प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा, हमें एआई को अपनी शिक्षा व्यवस्था में शामिल करना होगा। इस मौके पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव नितेश झा एवं विभिन्न विवि के कुलपति मौजूद रहे।