AIIMS Rishikesh doctors remove 41 kg tumor from 24-year-old woman's stomach

ऋषिकेश : उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों ने एक युवती के शरीर से 41 किलोग्राम के ओवरियन ट्यूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर युवती को जीवनदान दिया है। चिकित्सकों का दावा है कि ओवरियन ट्यूमर का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है। एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि 50 X 40 सेमी. आकार का यह ओवरियन ट्यूमर मरीज के कुल वजन का 60% था। उन्होंने युवती की जान बचाने के लिए इस जटिल सर्जरी की सफलता पर चिकित्सकीय टीम की प्रशंसा की है। प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में कैंसर के निदान एवं चिकित्सा के लिए वर्ल्ड क्लास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें टारगेटेड थैरेपी, रेडियो व कीमोथैरेपी आदि सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान में जल्द ही महिलाओं के कैंसर रोग का एक अलग से गाइनी ओंकोलॉजी डिवीजन स्थापित किया जा रहा है। जिससे महिलाओं को संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े।

एम्स के स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों के अनुसार बिजनौर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली उक्त 24 वर्षीय महिला पेट में गांठ व दर्द की शिकायत लेकर एम्स ऋषिकेश आई थी। युवती ने बताया कि पिछले 6 वर्षों से वह इस समस्या से पीड़ित थी। परन्तु पिछले एक साल से उसे चलने फिरने और खड़े रहने में भी काफी कठिनाई होने लगी थी। जिसके बाद एम्स में युवती की संपूर्ण जांच की गई। जांच में उसके पेट में 50X40 सेमी का ओवरियन ट्यूमर पाया गया। जिसके बाद स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. कविता खोईवाल और उनकी टीम मेंबर डॉ. ओम कुमारी, डॉ. राहुल मोदी व डॉ. अंशु गुप्ता ने इस ट्यूमर को सफलतापूर्वक युवती के शरीर से अलग किया। इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. प्रियंका गुप्ता व उनकी टीम के अन्य सदस्यों ने भी भूमिका निभाई।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता खोईवाल ने बताया कि यह एक चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था। यह ट्यूमर महिला रोगी के शरीर के कुल वजन का लगभग 60 प्रतिशत था। ट्यूमर के इतने बड़े आकार व इस स्थिति में आने से मरीज को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।