जीवन ईश्वर द्वारा अनमोल कृति है। इसकी सार्थकता तभी दृष्टिगोचर होती है, जब हम अपने कर्तव्योँ का समुचित निर्वहन करते हुये सबके प्रेरणा स्रोत बने। इसकी सार्थकता को सिद्व करने के लिये यह जरुरी है कि समाज के विभिन्न क्षेत्रोँ मेँ उत्कृष्ट और उल्लेखनीय कार्य करते रहेँ। कार्य करने का जज्वा ही व्यक्ति को उन्नति के शिखर पर पहुँचाता है। वह व्यक्ति फिर किसी परिचय का मोहताज नही रहता। इस तरह का उदाहरण राइका सुमाडी मेँ हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला ने प्रस्तुत किया है। जनपद रूद्रप्रयाग के ग्राम कौशलपुर मेँ जन्मेँ चमोला पेशे से अध्यापक के पद पर कार्य करते हुये 22 वर्षो से ग्रामीण आंचलिक मे अध्ययनरत छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु अपने निजी व्यय पर प्रोत्साहित करते हुये सम्मानित करने का कार्य करते रहते है। अपने विषय का बेहत्तर परीक्षा परिणाम देने के साथ ही भावी पीढी मे भारतीय सँस्कृति के बीज रोपित करने हेतु प्रेरणा दायिनी साहित्य के सृजन का भी कार्य करते रहते है। छात्रोँ का सफल मार्ग दर्शन करने के निमित्त चमोला द्वारा नैतिक वोध कथायेँ, भारतीय सँस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम, महापुरुषोँ के अनमोल विचार, शैक्षिक नवाचार एवँ क्रियात्मक शोध, नामक पुस्तकोँ को प्रकाशित करने के साथ ही कई पत्रिकाओँ का सम्पादन का कार्य भी कर चुके हैँ। इनके द्वारा हमारा सँकल्प नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड की मुहिम भी चलाई जाती है। कई हजार छात्रोँ से कभी नशा न करने की प्रतिज्ञा भी दिलवा चुके हैँ। इनके द्वारा लिखे गये प्रेरक प्रसँग विभिन्न राष्टीय सँकलनो मेँ भी छप चुके हैँ। निरन्तर पर्यावरण, नशा उन्मूलन, शैक्षिक नवाचार, बेटी वचाओ, बेटी पढाओ, दहेज मुक्त विवाह आदि पर किये गये कई वर्षोँ के आकलन के आधार पर मैत्री पीस फाउन्डेशन इंडिया ओम मार्ग दर्शी समिति मध्यप्रदेश ने आयोजित वर्चुवल सम्मान सम्मारोह कार्यक्रम मे चमोला को इन्टरनेशनल अचीवर्स अवार्ड2020 से सम्मानित किया। सँस्था द्वारा चमोला के कार्यक्रमो को समाज के लिये बहुउपयोगी बताते हुये कहा गया कि शिक्षक समाज का दर्पण होता है। इस उक्ति को चमोला अपने उत्कृष्ट कार्यो से साकार कर रहे है। इस महत़्वपूर्ण उपलव्धि से अलँकृत होने पर चमोला ने सँस्था का आभार जताते हुये कहा कि इस तरह के सम्मान से ऊर्जा का सँचार पैदा होता है। सँस्था ने जिस उद्देश्य से मुझे यह गौरव प्रदान किया। उस कसौटी पर मै खरा उतरने का निरन्तर प्रयास करता रहूगा। विदित हो चमोला की विद्यार्थी जीवन से ही मेधावी छात्रो मे गिनती होती रही है। कला निष्णात दर्शन शास्त्र मे सर्वोच्च अक प्राप्त करने पर केन्द्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढवाल द्वारा इन्हे स्वर्ण पदक सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र मेँ नवीन अनुप्रयोगोँ को करने पर राज्यपाल पुरस्कार, मुख्य मन्त्री सम्मान, शिक्षा श्री सम्मान, राजकीय शिक्षक सम्मान, आदर्श उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, इन्टरनेशनल एजुकेशन अवार्ड आदि के साथ ही अखिल भारतीय सँस्थाओ द्वारा इन्हे 100 से अधिक सम्मानोपाधियो से सम्मानित किया जा चुका है। चमोला की इस महत्वपूर्ण उपलव्धि पर शिक्षक समुदाय मे खुशी की लहर छा ग्ई।