Srinagar Garhwal: राजकीय इण्टर कॉलेज सुमाडी विकास खंड खिर्सू जनपद पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में वरिष्ठ हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चंद्र चमोला राष्ट्रीय गौरव 2025 से सम्मानित हुए। चमोला को यह सम्मान पी आई यू ट्रस्ट इंडिया द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित स्वतन्त्रता दिवस महोत्सव के अवसर पर दिया गया। भव्य आयोजित राष्ट्रीय कार्य क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुरेश सिंह शौर्य प्रियदर्शी ने चमोला को सम्मानित करते हुए कहा कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ ही छात्र छात्राओं को नशे से दूर रहने के लिए तरह-तरह की गतिविधि करना अपने आप में उत्कृष्ट मुहिम को दर्शाता है।
उनके नशा उन्मूलन कै कार्यक्रमों को रेखांकित करते हुए उत्तराखंड से राष्ट्रीय गौरव सम्मान के लिए इनका चयन किया गया। आज युवाओं में बढ़ती हुई नशे की प्रवृत्ति चिन्तन का विषय है। समय समय पर यदि उन्हें नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाय तो वे अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगा सकते हैं।
चमोला क्ई वर्षों से नशा उन्मूलन कै क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा मौलिक नशा उन्मूलन प्रतिज्ञा का विभिन्न विद्यालयों में सप्ताह में एक बार सस्वर वाचन किया जाता है। चमोला के नशा उन्मूलन में बेहतर कार्य क्रमों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इन्हें गढ़वाल मंडलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी है दे रखी है। जिसे ये समय रहते हुए विभिन्न कार्य शालाओं के माध्यम से आम जनमानस का मार्गदर्शन करते रहते हैं। नशा उन्मूलन में किये गये इनके योगदान पर इन्हें सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट तथा आर्ट एण्ड मैजिक यूनिवर्सिटी ने पी एच डी की मानद उपाधि से भी विभूषित किया है।
चमोला भारतीय संस्कृति के संरक्षण, पर्यावरण, ज्योतिष धर्म तथा अध्यात्म में भी लेखन कार्य करते रहते हैं, जो कि समय-समय पर राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी प्रकाशित होते रहते हैं। 1000 से भी अधिक राष्ट्रीय सम्मानोपाधियो से सम्मानित होने वाले चमोला अपने विद्यार्थी जीवन में कला निष्णात में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से स्वर्ण पदक से भी विभूषित हो चुके हैं। भारतीय दर्शन में जैन दर्शन, हिन्दी गढ़वाली उपन्यास उच्याडो पर भी लघु शोध कार्य कर चुके हैं। चमोला मूल रूप से जनपद रुद्रप्रयाग के ग्राम कौशलपुर के निवासी हैं। शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री सम्मान, महामहिम राज्यपाल पुरस्कार, शिक्षा शिल्पी पुरस्कार, शिक्षा रत्न, शिक्षा श्री भारत, शिक्षा विशेषज्ञ , अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार आदि अनेकों पुरस्कारो से सम्मानित हो चुके हैं। नैतिक बोध कथाएं, शैक्षिक नवाचार एवं क्रियात्मक शोध, भारतीय संस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम नामक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है।