Ankita Bhandari Murder Case

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आख़िरकार 2 साल 8 महीने बाद अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता पुलकित आर्या पर लगाए गए चारों आरोप सही पाए गए हैं। 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकित भंडारी की हत्या कर दी गई थी। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों- पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। इन पर 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही तीनों पर 50-50 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। लेकिन मृतका की मां अदालत के इस फैसले से खुश नहीं दिखीं। कोर्ट से बाहर निकलते ही उनकी आंख से आंसू छलक पड़े। उन्‍होंने कहा कि अदालत से फांसी की उम्मीद थी।

अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। न्यायालय का फैसला आने से ऐन पहले भीड़ ने पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने की भीड़ की कोशिश की। पुलिस पूरी ताकत से लोगों को अंदर जाने से रोकने का प्रयास कर रही है।

2022 में हुई थी हत्या

19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी गढ़वाल के डोभ श्रीकोट गांव की रहने वाली थी और ऋषिकेश के पास गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी। 18 सितंबर 2022 को वह अचानक लापता हो गई। परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले राजस्व पुलिस में दर्ज करवाई, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर 21 सितंबर को मामला लक्ष्मण झूला थाना पुलिस को सौंपा गया।

इसी दिन पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और डिप्टी मैनेजर अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। पांच दिन बाद 24 सितंबर को ऋषिकेश के नजदीक चिल्ला नहर से अंकिता का शव बरामद किया गया था।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण डूबना बताया गया, लेकिन उसके शरीर पर चोटों के निशान भी मिले। उसी दिन राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT बनाई गई।

मामला सामने आने के बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जब मामले की जांच शुरू हुई तो अंकिता को गायब करने, उसकी हत्या और शव को नहर में फेंकने में पुलकित आर्य और उसके दो साथियों की सहभागिता सामने आई। शुरुआती जांच ऐसे तथ्य सामने आए, जिससे महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर सवाल खड़े कर दिए। पता चला कि रिजॉर्ट में काम करने के दौरान वहां ‘वीआईपी’ अतिथि को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ के लिए अंकिता को रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने फोर्स किया था। अंकिता ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद ही विवाद शुरू हुआ था। इसी विवाद को लेकर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो अन्य कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर चीला नहर में धक्का देकर अंकिता की हत्या कर दी। इस मामले का मुख्य आरोपी पुलकित और उसके दो साथी- अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के खिलाफ 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई। जिसमें 97 गवाह भी शामिल थे, मार्च 2023 में कोटद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई और अब लगभग 2 साल 8 महीने बाद इस पर फैसला आ चुका है। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही तीनों पर 50-50 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया।

बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही तीनों पर 50-50 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया।

आरोपियों को उम्रकैद की सजा के फैसले से अंकिता के माता पिता खुश नहीं है। कोर्ट से बाहर निकलते ही उनकी आंख से आंसू छलक पड़े। उन्‍होंने कहा कि अदालत से फांसी की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने हमारा घर बरबाद कर दिया। हम चाहते थे कि हमारे जिंदा रहते इन हत्यारों को मौत की सजा मिले। हम इसके लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने सुनाया।

कौन था वो वीआईपी?

एसआईटी की जांच के क्रम में भी सामने आया कि पुलकित आर्या अपने रिजॉर्ट में कुछ वीआईपी गेस्ट को स्पेशल ट्रीटमेंट देता था। अंकिता भंडारी को भी वह एक वीआईपी गेस्ट के सामने परोसना चाहता था। रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकिता को यह मंजूर न था। इसी कारण अंकिता और पुलकित के बीच विवाद की शुरुआत हुई। आखिरकार, पुलकित ने सामान्य परिवार से आने वाली अंकिता की हत्या कर दी।

एडीजे रीना नेगी कोर्ट भले ही आरोपियों को मामले में दोषी करार देकर फैसला सुनाए। लेकिन, अब तक उस वीआईपी का नाम सामने नहीं आ पाया है, जिसके पास जाने के लिए अंकिता भंडारी को मजबूर किया जा रहा था। सवाल यह भी है कि क्या फैसले में उसका नाम सामने आएगा?

कोर्ट ने सुनाई ये सजा: अंकिता भंडारी मर्डर केस में माननीय न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार रीना नेगी द्वारा

  1. अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास व ₹50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व 10,000 रुपए जुर्माना, धारा 354क आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास व ₹10,000 जुर्माना व धारा 5(1)घ आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व ₹2,000 जुर्माने की सजा सुनाई गई है. कुल 72 हजार रुपए का जुर्माना.
  2. अभियुक्त सौरभ भास्कर व अभियुक्त अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कठोर कारावास व 50,000 रुपए जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व ₹10,000 जुर्माना व 5(1)घ आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व ₹2,000 जुर्माना की सजा सुनाई है. दोनों को कुल 62 हजार रुपए का जुर्माना.
  3. तीनों की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
  4. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357क के तहत कुल 4 लाख रुपए प्रतिकर मृतक अंकिता के परिजनों को देना है.