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नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली की सामाजिक संस्था “बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था” द्वारा गढ़वाल भवन नई दिल्ली में उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बाल प्रतिभाओं की प्रथम गायन पतियोगिता गित्येर 2018 का शानदार आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य संगीत के क्षेत्र में उत्तराखंड के दूर दराज गाँवों में दबी/छुपी बाल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना था। और हम कह सकते हैं कि संस्था का यह प्रयास काफी सफल रहा क्योंकि जिन बाल प्रतिभाओं ने इस गित्येर 2018 प्रतियोगिता में भाग लिया वे वाकई कमाल की प्रतिभाएं हैं। गाँव-गाँव से बाल प्रतिभाएँ खोजकर इस मंच तक लाने में बद्री केदार संस्था के सदस्यों ने बहुत मेहनत की। संस्था के वरिष्ठ सदस्य द्वारिका प्रसाद चमोली ने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिए करीब 40 से ज्यादा बच्चों के विडियो आये थे। जिनमे से जूरी द्वारा 15 बच्चों को प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया। एक बच्चे के अस्वस्थ होने की वजह से आज 14 बच्चों ने प्रथम गित्येर 2018 प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन भाई गणेश खुग्साल “गणी” द्वारा किया गया।giter-2018

उत्तराखंड की संगीत क्षेत्र की महान हस्तियाँ थी जूरी पैनल (निर्णायक मंडल) में  

उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बाल प्रतिभाओं की प्रथम गायन पतियोगिता गित्येर 2018 के लिए जूरी पैनल (निर्णायक मंडल) में उत्तराखंड के लोक संगीत की महान हस्तियों को शामिल किया गया था। जिनमे मुख्यरूप से उत्तराखंड के लोक गायक किशन महिपाल, शिवदत्त पंत, स्वर कोकिला अनुराधा निराला, लोक गायक विजय सैलानी तथा प्रसिद्द गढ़वाली गीतकार डॉ. सतीश कालेश्वरी आदि निर्णायक मंडल का हिस्सा रहे। इसके अलावा उत्तराखंड लोक संगीत के पुरोद्धा गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। डीपीएमआई के चेयरमैन एवं समाजसेवी विनोद बच्छेती कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

जूरी पैनल के लिए प्रतियोगिता में विजेता का चुनाव करना बेहद मुश्किल रहा। बाल कलाकारों ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां पेशकर जूरी पैनल के सदस्यों के माथे पर पसीना निकाल दिया। परन्तु अंत में पैनल ने काफी बारीकी से देखते हुए विजेताओं का चयन किया। जूरी पैनल के निर्णय की गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने भी सराहना की। इस दौरान जूरी के सदस्यों न केवल विजेता का चयन किया बल्कि सभी सदस्यों ने मंच पर बच्चों को लोक संगीत की बारीकियां बताते हुए उनकी हौसलाअफजाई के लिए अपनी आवाज में लोक गीत गाकर भी सुनाये। किशन महिपाल ने बाल गित्येरों को लोक संगीत में शास्त्रीय संगीत को न थोपने की सलाह दी।jury-panel

इसके बाद बाल गित्येरों की हौसलाअफजाई के लिए कार्यकम के मुख्य अतिथि गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जब मंच पर पहुंचे तो बाल कलाकारों के साथ-साथ उपस्थित दर्शकों की ख़ुशी का ठिकाना न रहा। डॉ. नेगी ने ग्रामीण क्षेत्रों से आई बाल प्रतिभाओं के हुनर की सराहना करते हुए कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि हमारे दूर दराज के गाँवों में जहाँ सड़क तक नहीं पहुची है, वहाँ के बच्चों में इतना टैलेंट है। जिन बच्चों ने आज तक किसी मंच पर परफॉर्म नहीं किया वे सीधे आकर देश की राजधानी में इतने बड़े मच पर इतना सुन्दर गा रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि हमारे लोक संगीत की जड़ें काफी मजबूत है। नेगी दा ने भी किशन महिपाल की बात का समर्थन करते हुए बाल लोक गित्येरों को सलाह दी कि लोक संगीत को शास्त्रीय संगीत के साथ मिक्स न करें। उन्होंने जूरी पैनल का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज इस मंच पर निर्णायक मंडल द्वारा विजेताओं का बहुत सही चयन किया गया है। उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि मैंने बहुत बार देखा है जूरी द्वारा योग्य उम्मीदवार का चयन न होने पर मन में कसक रह जाती है कि फलां प्रतियोगी ने अच्छा गाया था जबकि विजेता किसी और को चुन लिया गया। परन्तु यहाँ पर ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला, एकदम सही प्रतिभागी को विजेता चुना गया है। कार्यक्रम के दौरान गणेश खुग्साल “गणी” का मंच संचालन बहुत शानदार रहा, उन्होंने अपने चिर परिचित मजाकिया अंदाज में न केवल जूरी के सदस्यों से गाने गवाये बल्कि गढ़रत डॉ. नेगी दा से भी एक शानदार लोक गीत गवाकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।

पौड़ी गढ़वाल के खंडाह गाँव का अमन बना गित्येर 2018 का विजेता

रविवार को प्रथम गित्येर 2018 प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के चार जिलों पौड़ी, चमोली, टिहरी तथा अल्मोड़ा के 14 बाल गित्येरों ने नई दिल्ली स्थित गढ़वाल भवन में प्रतिभाग किया। 14 प्रतिभागियों में तीन राउंड चली प्रतियोगिता के बाद जूरी पैनल द्वारा पौड़ी गढ़वाल के खंडाह गाँव के अमन को प्रथम गित्येर 2018 का विजेता घोषित किया गया।अमन ने नरेन्द्र सिंह नेगी जी के लोक गीत “छानि मा कर्यु डेरु, घर गाँव छुड़ीयु चा…” और “मेरा औण से हर्ष हो कैत होलू, न हो मेरा जाणा कु दुख कै न हो..” जैसे मार्मिक लोक गीतों से दर्शकों के साथ-साथ नरेन्द्र सिंह नेगी जी का भी दिल जीत लिया। अमन राजकीय इंटर कॉलेज खंडाह में 8वीं कक्षा में पढता है। अमन के साथ उसके पिता चन्द्रमोहन आये थे। हमने जब अमन के पिता चन्द्रमोहन से बात की तो उन्होंने बताया कि अमन से आज तक कभि भी संगीत की शिक्षा नहीं ली है और न ही किसी मंच पर गाया है, हाँ कभी कभार स्कूल में गा लेता है। गित्येर 2018 के विजेता अमन को संस्था द्वारा विजेता ट्रॉफी ते साथ 21,000/- रुपये की नगद धनराशि के अलावा अन्य प्रायोजकों द्वारा भी कई उपहार भेंट किये गए।

राजकीय इंटर कॉलेज खंडाह के शिक्षक यशपाल रावत ने तैयार किया अमन को गित्येर 2018 के लिए

जब हमने अमन से पूछा कि उसे इस प्रतियोगिता के बारे में कैसे पता चला तो उसने बताया कि उनके शिक्षक यशपाल रावत सर ने उसे इस प्रतियोगिता के बारे बताया इसलिए इस जीत का श्रेय मै अपने शिक्षक रावत सर को देना चाहूँगा। इस बारे में राजकीय इंटर कॉलेज खंडाह के शिक्षक यशपाल रावत ने बताया कि आज से लगभग तीन महीने पहले 10 सितम्बर को देवभूमिसंवाद.कॉम न्यूज़ पोर्टल पर प्रकाशित खबर “उत्तराखंड की ग्रामीण प्रतिभाओं के सुरों को मिलेगी नयी पहचान” से उन्हें दिल्ली में हो रही इस प्रतियोगिता के बारे में पता चला। चूँकि अमन कभी कभार स्कूल में नरेन्द्र सिंह नेगी जी के गढ़वाली लोक गीत गाता रहता था। और उसकी आवाज में उन्हें वो दम भी है।  इसलिए उन्होंने अमन को इस प्रतियोगिता के लिए तैयार किया और उसके गाने की विडियो रिकॉर्डिंग कर देवभूमिसंवाद.कॉम में प्रकाशित खबर के साथ दिए गए व्हाट्सएप्प नम्बरों पर भेज दिया था जिसके बाद प्रतियोगिता की आयोजक “बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था” ने संपर्क कर अमन को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए दिल्ली बुलाया। शिक्षक यशपाल रावत के साथ-साथ पूरा खंडाह इंटर कॉलेज अमन के कामयाबी पर बहुत खुश हैं। उन्होंने इसके लिए बद्री केदार संस्था के साथ-साथ देवभूमिसंवाद.कॉम का भी हार्दिक आभार व्यक्त किया।

प्रतियोगिता के पहले रनरअप अल्मोड़ा जिले के मनीला गाँव के करनपाल रहे, जबकि तीसरे स्थान पर  पौड़ी जनपद के समसू गाँव के अखिलेश रहे। द्वितीय स्थान पर रहे करनपाल को 11,000/-  रुपये, जबकि  तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले अखिलेश को 5,100/-  रुपये, की नगद राशि के अलावा अन्य उपहार भी दिए गए। शेष सभी प्रतिभागियों को 2,100/- रुपये, की प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ प्रायोजकों द्वारा भी पुरस्कार भेंट किये गए। करनपाल में खुबसूरत कुमाउनी गीत तेरी रंगीली पिछोड़ कमु तेरी रंगीली पिछोड़ी ला” सुनाया।

कार्यकम में उत्तराखंड की बहुत पुरानी लोक गायिका मंगला रावत, शोशल मीडिया में धमाल मचा रही दिल्ली की बाल गायिका शगुन उनियाल तथा शिव दत्त पंत जी की सुपुत्री दीपा पंत ने भी अपनी सुन्दर प्रस्तुतियों से दर्शकों का मान मोह लिया।

इसके अलावा संस्था ने राष्ट्रीय स्तर की एथलीट उत्तराखंड की उड़नपरी गरिमा जोशी, जो कुछ समय पहले बंगलूरू में वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हुईं थी को भी इस मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। बतादें कि इस हादसे में गरिमा जोशी की रीढ़ की हड्डी बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गई थी। जिस वजह से वह अभी भी चल फिर नहीं सकती है उसे व्हील चेयर से ही यहाँ लाया गया था।

“बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था” की इस सराहनीय पहल के लिए देवभूमिसंवाद.कॉम संस्था अध्यक्ष राजपाल पंवार के साथ सभी सदस्यों का हार्दिक धन्यवाद करती है।

नीचे वीडियो में देखे गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने जूरी पैनल और गित्येर बाल प्रतिभाओं के बारे में क्या कहा।

इस दौरान नेगी जी ने स्वास्थ्य नासाज होने के बावजूद भी अपनी मधुर आवाज में बाल प्रतिभागियों के लिए एक खुबसूरत लोकगीत “खैरी का अन्ध्यरों मा..” सुनाया। जिसे आप नीचे वीडियो में सुन सकते हैं।

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