हल्द्वानी: एक सप्ताह के भीतर उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया है। 22 साल का यश 2014 मे फोर्थ कुमाऊं रेजिमेंट मे भर्ती हो गया था। और वर्तमान मे नागालैंड मे तैनात था। बृहस्पतिवार को यश के परिजनों को खबर मिली कि नागालेंड में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में यश शहीद हो गया है। मूल रुप से भद्रकोट (ओखलकांडा) निवासी यश उर्फ योगेश परगाई, चार बहनों एवं तीनों भाईयों में सबसे छोटा यश नाम के अनुरुप अपनी अमर कीर्ति के साथ इस दुनिया से विदा हो गया है। यश के पिता और बड़ी बहन की पहले ही म्रत्यु हो चुकी है। इस घटना से विधवा मां और दो भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल है। यही नहीं पूरे इलाके में शोक की लहर छा गई है। बिठोरिया नंबर वन तिवारी कालोनी में सांत्वना देने आई नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की आखं भी छलक पड़ी। इंदिरा ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। जबकि प्रशासन को अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है। इस कारण पार्थिव शरीर के आने की सटीक जानकारी अभी नहीं है। परिजनों का कहना है कि सेना ने 22 जून तक पार्थिव शरीर के हल्द्वानी पहुंचने की सूचना दी है। यश के चाचा एवं ग्राम प्रधान हेम परगाई ने बताया कि पिछले दिसबंर में यश गांव आया था। तब ओखलकांडा से टांडी नर्सरी तक डेढ़ किमी सड़क बनाने का वादा कर रहा था। टांडी नर्सरी भद्रकोट गांव का तोक है। अभी तक सड़क से नहीं जुड़ सका है। उन्होंने बताया कि यश में देश सेवा का जज्बा जन्म से ही कूट कूट कर भरा था। इसके दादा केशव परगाई एक सैनिक थे। उन्होंने 1965 एवं 1971 की लड़ाई लड़ी थीं।

ग्राम प्रधान ने बताया कि यश के पिता मोहन चंद्र परगाई का लगभग 20 साल पहले देहावसान हो गया था। तब यश केवल दो साल के थे। उन्होंने बताया कि यश आठ भाई बहिनों में सबसे छोटा था। इसकी बड़ी बहन हेमा पोखरिया शादी के कुछ साल बाद एक दुर्घटना में मर गई थीं। हेमा की शादी रीठा साहिब में की थीं। जबकि अन्य चार बहिन तुलसी पोखरिया, यशोदा भट्ट, भगवती बहुगुणा, नीमा भंडारी सभी शादी शुदा हैं। अभी तक बहिनों को घटना की जानकारी मिली है या नहीं स्पष्ट नहीं हो पाया है। जबकि बड़ा भाई मुकेश परगाई की तिकोनियां में स्पोट्रस की दुकान है और छोटा हरीश परगाई सिडकुल रुद्रपुर में नौकरी करता है। हल्द्वानी में परिजनों ने बताया कि घटना की जानकारी बृहस्पतिवार तड़के तीन बजे नागालेंड से सेना के एक अफसर ने दी। अफसर ने ही पार्थिव शरीर के 22 तक हल्द्वानी पहुंचने की जानकारी दी। बड़े भाई मुकेश ने बताया कि यश 16 फरवरी को घर से यूनिट के नागालैंड जाने के कारण गया था। आखिरी बात बुधवार सांय चार बजे हुई थीं। उन्होंने बताया कि मुकेश के बेटे कृष्णा (5) का कल वर्थ डे था। यश ने वर्थ डे विश किया था और अगस्त में आने की बात की थीं। इस घटना की सूचना मिलते ही मांता तारी देवी का रो रोक बुरा हाल है। कई बार तो मां को बेहोशी के दौरे पड़ रहे हैं। इस बीच घटना की जानकारी मिलते ही नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने अपनी एवं पार्टी की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया। जबकि डीएम से लेकर एसएसपी तक अभी किसी को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। धारी एसडीएम ने कुछ इस तरह की घटना की पुष्टि की है। जबकि जिला सैनिक अधिकारी मेजर रौतेला ने कहा कि वे अभी भीमताल से हल्द्वानी आ रहे हैं। सूचना मिली है, लेकिन शहीद का घर कहा हैं अभी तक साफ नहीं हुआ है।