योगगुरु स्वामी रामदेव और एलोपैथ डॉक्टरों के बीच मामला सुलझता नहीं दिखाई दे रहा है। इसबीच बाबा राम देव का आज एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे वे यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि स्वामी रामदेव को तो अरेस्ट उनका बाप भी नहीं कर सकता है।
क्या है पूरा मामला
दरसल कुछ दिन पहले एलोपैथिक चिकित्सा और एलोपैथ डॉक्टरों को लेकर बाबा रामदेव का एक विवादित वीडियो सामने आया था। जिसमे बाबा यह कहते हुए पाए गए कि एलोपैथ चिकित्सा को स्टूपिड साइंस है। देश में औषधि महानियंत्रक की ओर से कोरोना के इलाज के लिए मंजूर की गई इनकी हाईड्रो ऑक्सीक्लोरोक्विन फेल हो गयी, फिर रेमडेसिविर फेल हो गयी, फिर एंटीबायोटिक्स फेल हो गए, स्टेरॉयड भी फेल हो गए। प्लाज्मा थेरेपी फेल के ऊपर भी बैन लग गया। बुखार के लिए फैबिफ्लू दे रहे हैं वो भी फेल हो गया। कोरोना में ज्यादा लोग इनके इलाज से मर गए। बाबा आगे कह रहे हैं कि जितने लोग महामारी से मर रहे हैं, उसमें सबसे ज्यादा लोग अस्पताल में मर रहे हैं और वो भी एलोपैथिक दवाई खाकर। अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए। इस वीडियो में बाबा यह कहते हुए भी सुनाई दे रहे हैं कि कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं। इस तरह बाबा रामदेव इस वीडियो में डॉक्टरों के साथ-साथ कोरोना की वैक्सीन पर भी सवाल खड़े करते सुनाई दे रहे हैं। हालाँकि कुछ समय पहले जब बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण बीमार हुए थे तो उन्हें भी इलाज के लिए एम्स (एलोपैथिक अस्पताल) ऋषिकेश में ही भर्ती कराया गया था।
बाबा के इस बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। वीडियो सामने आने के बाद से ही समूचे देश के एलोपैथिक चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश है। IMA का कहना है कि कोरोना महामारी में जिस तरह से डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर 20-20 घंटें कोविड अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में बाबा का यह बयान उनका मोनोबल तोड़ने का काम कर रहा है। IMA का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए जो भी दवाई दी जा रही हैं, वह भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय/विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। ऐसे में बाबा रामदेव भारत सरकार की पूरी चिकित्सा प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। आईएमए की तरफ से रामदेव पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की गयी थी। यही नहीं उत्तराखंड में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा गया है। जिसमे 15 दिन के भीतर माफी न मांगने और बयान को इंटरनेट मीडिया से न हटाने पर बाबा के खिलाफ एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा ठोकने की चेतावनी दी गई है।
हालाँकि इसबीच रविवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने योग गुरु रामदेव द्वारा एलोपैथी के बारे में दिये गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने बाबा के बयान ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था। डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर कहा कि उनकी टिप्पणी कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर लाखों लोगों का इजाज कर रहे योद्धाओं का अपमान है और इससे देश की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा, आपके बयान से स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल टूटेगा और कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एलोपैथिक दवाओं ने करोड़ों लोगों की जिंदगी बचाई है और इससे लाखों लोगों के मारे जाने की टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आज अगर देश में कोरोना से मृत्यु दर सिर्फ 1.13 प्रतिशत और रिकवरी रेट 88 प्रतिशत से अधिक है तो उसके पीछे एलोपैथी और उसके डाक्टरों का अहम योगदान है। हर्षवर्धन ने कहा, आपको पता होना चाहिए कि चेचक, पोलियो, इबोला, सार्स और टीबी जैसे गंभीर रोगों का निदान एलोपैथी ने ही किया है। आपके द्वारा एलोपैथी को तमाशा, बेकार और दिवालिया कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसके बाद बाबा ने खेद जताते हुए देर रात अपना बयान वापस ले लिया था।
परन्तु इसीबीच बाबा ने सोमवार को फिर से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) पर 25 सवाल दाग दिए। जिसमे उन्होंने आईएमए से पूछा कि एलोपैथी उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों से स्थायी राहत देती है? क्या एलोपैथी बांझपन का बिना किसी दर्द के दलाज कर सकती है? क्या उसके पास बढ़ती उम्र को रोकने और हेमोग्लोबिन को बढ़ाने का कोई उपाय है? वगैरा वगैरा ……
जिसके जवाब में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के चिकित्सक व जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में तैनात वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने बाबा रामदेव को खुली बहस की चुनौती दे डाली। डॉ. एनएस बिष्ट ने इस संर्दभ में एक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड किया है, जिसमें उन्होंने न सिर्फ वैज्ञानिक बल्कि आध्यामिक आधार पर उक्त सवालों का जबाव दिया है। साथ ही आयुर्वेद व योग पर किसी भी मंच पर खुली बहस की चुनौती दी है। वह भी संस्कृत भाषा में।
इसीबीच बाबा रामदेव के एक और विवादित बयान वाला वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में रामदेव कहते सुनाई दे रहे हैं कि ‘स्वामी रामदेव को अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता है। वीडियो में बाबा कहते हैं कि सोशल मीडिया पर लोग शोर मचाते हैं कि अरेस्ट करो, कभी कुछ चलाते हैं और कभी कुछ चलाते हैं। कभी चलाते है कि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, अरेस्ट रामदेव कुछ लोग चलाते हैं। चलाने दो इनको। यह वीडियो कब का है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
उनके बयान से भड़के आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। एसोसिएशन ने रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा है कि पतंजलि के मालिक रामदेव के वैक्सीनेशन पर गलत सूचना के प्रचार को रोका जाना चाहिए। एसोसिएशन ने योग गुरु के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है।