Arvind Pandey

देहरादून : उत्तराखंड में इन दिनों सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेताओं पर भाई भतीजा वाद को लेकर गंभीर आरोप लग रहे हैं, सत्ता के रूतबे के दम पर नेताओं ने अपने-अपने करीबीयों को नौकरी पर लगाया। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से जहां उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग पेपर लीक मामले की जांच चल रही है। जिसमें कई आरोपियों को पकडा जा चुका हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों को लेकर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गोविंद सिंह कुंजवाल की मुश्किले बढ़ी हुई है।

क्योंकि विधान सभा में बैकडोर से हुई भर्तियों की जांच चल रही है। इन सब के बीच कई पूर्व मंत्रीयों पर भी मंत्री रहते हुए अपने करीबीयों को नौकरी लगाने के आरोप लग रहे है। पूर्व शिक्षा मंत्री और गदरपुर से विधायक अरविंद पाण्डेय पर भी शिक्षा मंत्री रहते अपने करीबीयों को नौकरी लगाने के आरोप लगे हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक लिष्ट वायरल हो रही थी, जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय पर बिहार के रिश्तेदारों को उत्तराखंड नौकरी लगाने के आरोप लगे। दरसल इस वायरल पत्र में अरविंद पांडे के कई रिश्तेदारों के नाम अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति दिए जाने वाली सूची में शामिल थे। इन्ही आरोप को लेकर जब पत्रकारों ने अरविंद पाण्डेय से बात की तो अरविंद पाण्डेय ने अपने उपर लग रहे आरापों का खंडन करते हुए कहा कि नियुक्ति को लेकर उन पर लगे आरोपों के लिए जांच को तैयार हैं।

नियमों की अनदेखी से हुई हैं नियुक्ति जो जांच के लिए हूं तैयार

अरविंद पाण्डेय का कहना है कि जो लिस्ट शोसल मीडिया में वायरल की गई है, उसको लेकर यहीं कहना चाहता हूं कि यदि नियुक्ति में अगर कहीं कोई अनदेखी हुई है तो दुनियां की कोई भी सबसे बड़ी जांच मेरे उपर कराई जाएं उसके लिए मैं तैयार हूं। ईश्वर को साक्षी मानकर जांच में पूरा सहयोग करूंगा। और अगर जांच में दोषी पाया जाता हूं कि नियमों की अनदेखी कर मेरे कार्यकाल में नियुक्ति हुई है, तो प्रदेश की जनता जो सजा देना चाहेगी उसे हंसकर भुगतने के लिए तैयार हूं।

अरविंद पांडेय का कहना है कि कुछ लोग उनकी छवि यूपी बिहार से होने की भी बताने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह साफ कहना चाहते हैं कि वह उधम सिंह नगर के रहने वाले हैं और उत्तराखंड आंदोलन के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।

ये लिस्ट हो रही है वायरल

Arvind Pandey clarified for the relatives of Bihar to get jobs in Uttarakhand