देहरादून: शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान दून विश्वविद्यालय की कुलाधिपति राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने सांसद तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ0 मुरली मनोहर जोशी को डॉक्टर ऑफ साइंस तथा प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर की मानद उपाधि से विभूषित किया। प्रथम दीक्षांत समारोह में वर्ष 2011 से 2016 तक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इनमें 617 पोस्ट ग्रेजुएट, 380 स्नातक उपाधि तथा 5 पी.एच.डी उपाधिधारक सम्मिलित हैं। राज्यपाल ने प्रथम प्रयास में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 44 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा में राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत तथा विश्वविद्याल के कुलपति डॉ एससी नौटियाल आदि मौजूद रहे।
अपने दीक्षांत उद्बोधन में राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि समाज की आवश्यकता के अनुरूप शोध कार्यों को प्रोत्साहन देना तथा समग्र विकास के लिए नीति निर्माण में सहायता देना विश्वविद्यालयों की बड़ी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालय मात्र डिग्री देने वाले संस्थान नहीं है। विश्वविद्यालयों की समाज एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेष रूप से उत्तराखण्ड जैसे क्षमतावान परन्तु युवा राज्य के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को कई महत्वपूर्ण कार्य करने हैं। उत्तराखंड राज्य का अपना एक विशिष्ट भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक परिवेश है। इस विशेषता को पहचान कर, यहां की महिलाओं, युवाओं, किसानों के समग्र विकास की नीतियां बनाई जानी आवश्यक हैं। एक क्षेत्र विशेष की योजना दूसरे क्षेत्र में लाभदायक हो, यह आवश्यक नहीं। यहां सेक्टर आधारित नीतियों की अधिक आवश्यकता है। हमारे विश्वविद्यालयों को ऐसे व्यवहारिक शोध एवं अनुसंधान पर अपनी क्षमता केन्द्रित करनी होगी।
लोक गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने उपाधि स्वीकार करते हुए कहा कि उनके माध्यम से उत्तराखंड की लोक भाषाओं का सम्मान किया गया है। उन्होंने राज्य की गढ़वाली-कुमाऊंनी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं तथा संस्कृति के संरक्षण को जरूरी बताया।