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श्रीनगर गढ़वाल : बहुधा समाज में सरकारी शिक्षकों के सन्दर्भ में तरह तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। लेकिन इस सत्यता को भी नहीं नकारा जाता है कि  बहुत  सारे शिक्षक अपने पेशे के साथ बड़ी ईमानदारी से कार्य करते हुये समाज में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। इस तरह की श्रृंखला में राजकीय इन्टर कॉलेज सुमाडी विकास खन्ड खिर्सू जनपद पौडी गढवाल में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। जो कि बिगत क्ई वर्षोँ से छात्रों को नशे से दूर रहने की प्रतिज्ञा दिलाने के साथ ही उन्हें सम्मानित करते हुये समाज मे उत्कृष्ट कार्य करने  वालों को अपने निजी व्यय पर सम्मानित करते रहते हैं।

बताते चलें कि इनके द्वारा स्थापित बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के तत्वावधान में समाज में बेहतर तथा सराहनीय कार्य कार्य करने वालों को भव्य आयोजित कार्यक्रम में अवकाश प्राप्त कर्मचारी संगठन के सभागार में सम्मानित किया। जिसमें केन्द्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढवाल की सँगीत बिभाग की बिभागाध्यक्ष प्रोफेसर आशा पाण्डे बतौर मुख्य अतिथि के रुप में रही। विशिष्ट अतिथि प्रबंध निदेशक शौर्य इन्जीनियरिग गढवाल सूर्य प्रकाश रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता चन्दवीर गायत्री अध्यक्ष श्रमजीवी पत्रकार यूनियन देहरादून ने की। मुख्य अतिथियों द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत  दीप प्रज्वलित करके की। इस मौके पर सँगीत बिभाग के शोधार्थियोँ द्वारा मन मोहक साँस्कृतिक प्रस्तूतियाँ प्रस्तुत की गई।

इस मौके पर नाटक के क्षेत्र में बिमल बहुगुणा, समाज सेवा में उम्मेद सिँह मेहरा, पत्रकारिता में आशाराम पोखरियाल, शिक्षा में आचार्य गंगा राम सकलानी, जगमोहन कठैत ,अनुपमा  बलूनी, हरेन्द्र कुमार तथा साहित्य के क्षेत्र में सुमन किमोठी को सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि सूर्य प्रकाश को अतुलनीय सेवा पर नागरिक सम्मान दिया गया। सभी सम्मानित होने वालों को शाँल, मेडल स्मृति चिन्ह, माला, व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। प्रो० आशा पाण्डे ने मुख्य अतिथि के उद्बबोधन में कहा -बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के निदेशक अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा भावी पीढी तथा आम जनमानस के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इस तरह का अतुलनीय कार्य आने वाले भविष्य मे मील का पत्थर साबित होगा। विशिष्ट अतिथि सूर्य प्रकाश ने कहा -कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ ही समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मन्च देकर प्रोत्साहित करते हुये उन्हें सम्मानित करना अपने आप में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस तरह के कार्यक्रमों से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चन्दवीर गायत्री ने कहा कि सम्मान मिलने से दायित्व का बोध होता है। जिससे कार्य- शैली में परिवर्तन आ जाता है। निस्सन्देह श्री चमोला जी बधाई के पात्र हैं जो समाज मे बेहतर कार्य कर रहेँ हैं, उनके द्वारा इनका मूल्याँकन किया जा रहा है। जिस तरह से बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद कार्य कर रहा है। मुझे विश्वास है कि एक दिन राष्ट्रीय स्तर पर यह सँस्था अपनी पहचान बनायेँगी। कार्यक्रम का सँचालन प्रसिद्ध साहित्य कार राकेश मोहन कन्डारी ने किया। सँस्था के निदेशक डॉ. अखिलेश चन्द्र चमोला ने सभी को नशा न करने की प्रतिज्ञा भी दिलाई।