ayush doctor

देहरादून :अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सोमवार को उत्तराखंड सरकार के आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने आयुर्वेद डॉक्टरों को बड़ी सौगात दी है। आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को आपातकालीन स्थिति में एलोपैथिक दवा लिखने की मंजरी दे दी है। आयुष मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में भी आयुर्वेद चिकित्सकों को हिमाचल, हरियाणा व अन्य राज्यों की तर्ज पर आपात स्थिति में एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार होगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी इस फैसले पर अपनी मौहर लगा दी है।

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे आयुष मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में आयुर्वेद कैंसर सेंटर बनाया जाएगा। यह देश का पहला आयुर्वेद कैंसर संस्थान होगा। वहीं मर्म चिकित्सा को भी प्रोत्साहित करने की बात उन्होंने कही। मंत्री ने कहा कि मर्म चिकित्सा से जुड़े शोध भी किए जाएंगे। उन्होंने आयुर्वेद विवि को पुराने वैद्य और जानकारों को साथ लेकर जड़ी-बूटियों पर शोध करने को कहा है। हरक ने बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों में योग और वेलनेस सेवा के तहत 100 वेलनेस सेंटर बनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें पहले चरण में 50 वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। वहीं आयुर्वेद विवि में नए डिप्लोमा और डिग्री कोर्स शुरू करने के साथ ही विवि परिसर में 500 व्यक्तियों की क्षमता वाले आडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा।

इसके अलावा चरक डांडा में अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान के लिए भी दस करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालयों में 25 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल, तहसील स्तर पर 15 बेड के अस्पताल और हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल में गढ़वाल व कुमाऊं मंडल विकास निगम के होटलों में पंचकर्म योग केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

IMA इस फैसले से नाखुश

उत्तराखंड सरकार के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयुर्वेद डॉक्टरों को इमरजेंसी में एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार देने के फैसले को एलोपैथिक चिकित्सकों के शीर्ष निकाय भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए) ने अवैध बताया है। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दी है। एसोसिएशन ने कहा कि इस फैसले से मरीजों को भी नुकसान होगा। एसोसिएशन ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर को क्या पता कि एलोपैथ दवा कैसे दी जानी है। इमरजेंसी में एलोपैथ दवा देंगे तो मरीजों की जान पर बन आएगी। सरकार को मरीजों की जान से नहीं खेलना चाहिए।

आईएमए उत्तराखंड के सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि पहले भी इस तरह की बात चली थी। करीब एक महीने पहले उन्होंने इसे लेकर मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, नेशनल मेडिकल कमीशन समेत कई अन्य स्तरों से यह स्पष्ट आदेश है कि किसी भी मरीज पर मिक्सोपैथी (दो पैथियों को मिलाकर उपचार) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। स्पष्ट गाइडलाइन है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक प्रैक्टिस नहीं कर सकता। हम शासनादेश होने का इंतजार कर रहे हैं।