उत्तराखंड के चंपावत जनपद से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जनपद मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर पाटी ब्लॉक के लधियाघाटी क्षेत्र के पाताल रुद्रेश्वर गुफा (वारसी) के साधु की संदिग्ध अवस्था में गोली लगने से मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। पुलिस को शव के साथ एक तमंचा और कारतूस भी बरामद हुआ है।
प्रथम दृष्टया साधु द्वारा खुद को गोली मारने का मामला सामने आ रहा है। अलबत्ता पुलिस हरेक पहलू से मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस के मुताबिक घटना स्थल से एक बिना हस्ताक्षर के एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया गया है। सुसाइड नोट में स्वामी ने रुद्रेश्वर धाम स्थित शिव मंदिर में समाधि बनाने की अपनी अंतिम इच्छा बताई है।
पाताल रुद्रेश्वर गुफा में रहने वाले ओशो पंथी बाबा सौरभ तिवारी उर्फ ध्यान योगी उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। और बाबा यहां से दस किलोमीटर दूर चल्थियां में छोटा सा आश्रम बना रहे थे। एसपी ने बताया कि यद्यपि प्रथमदृष्ट्या मामला डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या का लग रहा है, फिर भी पुलिस मामले के अन्य पहलुओं की भी जांच करेगी। वारदात से इस ग्रामीण क्षेत्र में सनसनी मच गई। पुलिस ने लोहाघाट में पोस्टमार्टम करा शव आश्रम के संचालक को सौंप दिया है।
सुसाइड नोट में स्वामी ने रुद्रेश्वर धाम स्थित शिव मंदिर में समाधि बनाने की अपनी अंतिम इच्छा बताई है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ उतरेहा गहनदो निवासी सौरभ तिवारी उर्फ स्वामी ध्यान योगी पुत्र भंगोली प्रसाद तिवारी ने शुक्रवार अपरान्ह डेढ़ बजे तमंचे से खुद को गोली से उड़ा दिया।
पाटी पुलिस को घटना की जानकारी ग्रामीण खीमांनद जोशी ने दी। वारसी गुफा के बाबा वीरेंद्र गिरी का कहना है कि स्वामी ध्यान योगी सात दिन से गुफा में उनके साथ रह रहे थे। स्वामी रोज देर तक मोबाइल से बात करते थे। बातचीत से डिप्रेशन होने और इसी डिप्रेशन से तमंचे से आत्महत्या करने का अंदेशा जताया गया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव बाबा वीरेंद्र गिरी को सौंप दिया है।