Badrinath Dham decorated with 25 quintal flowers

Badrinath Dham: उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। गंगोत्री, यमनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल चुके हैं। अब भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर पूरे विधान के साथ खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसके तहत बुधवार को योगबदरी मंदिर पांडुकेश्वर से कुबेर जी, उद्धव जी की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल बदरीनाथ धाम पहुंचे।

यात्रा का हक-हकूकधारियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। कल (बृहस्पतिवार) प्रात: 7:10 बजे विधि विधान के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके लिए बदरीनाथ धाम को 25 कुंतल फूलों से सजाया गया है। बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है।

मंगलवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ के रावल रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर स्थित योगबदरी मंदिर पहुंचे थे। बुधवार को ब्रह्ममुहूर्त में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने योगबदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इसके बाद कुबेर जी और उद्धव जी की प्रतिमाओं को उत्सव डोली में विराजमान कर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। दोपहर करीब दो बजे सभी डोलियां और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचीं।

ज्योतिष्पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज भी यात्रा के साथ बदरीनाथ पहुंचे। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सीईओ योगेंद्र सिंह, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, आशुतोष डिमरी, बृजेश सती, प्रकाश रावत, तेजवीर कंडेरी के साथ ही बीकेटीसी कर्मचारियों व तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दी और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और जय बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया।