कल्जीखाल : पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल के अंतर्गत घण्डियाल स्थित स्कूल हैराल्ड एकेडमी की शिक्षिका सोनम रावत ने कोरोना संकट काल में कुछ इस तरह से जिन्दगी को कविता के रूप में बयां किया है।
“ज़िन्दगी”
आजकल ऐ जिंदगी तू कितनी सस्ती सी हो गई है,
कभी चौराहे में पड़ी दिखती है, कभी गैस के बुलबुलों में बिकती है।
अपनों के आंसू में घुलकर, जलती चिमनियों की दीवारों पर राख सी खाक हो गई है।
आजकल ऐ जिंदगी तू कितनी सस्ती सी हो गई है।
सिसकते हुए ख्यालों में तो कभी, उखड़ती सांसो के व्यालों में,
बेबसियों की चादरों में लिपटी, तो कभी दुर्भाग्य के ठेलों में, निस्तेज सी सो गई है।
आजकल ऐ जिंदगी तू कितनी सस्ती सी हो गई है।
भागती है अपनों से क्यों, क्यों रूठी है सपनों से तू।
छोड़ कर सबको तू क्यों महंगे अखबारों की,
चंद सस्ती पंक्तियों में, तू क्यों खो गई है।
आजकल ऐ जिंदगी तू कितनी सस्ती सी हो गई है।
वो चहचहाती गलियाँ, सूने हैं आज मुस्कुराने को तेरे।
वो सावन के झूले, कच्ची इमरतियाँ, वह पके आम रसीले।
तरसते हैं रोज सांझ सवेरे, माटी नहीं है,
तू नहीं निष्प्राण, है तू कितनी मूल्यवान।
फिर नादान सी, हाथों की लकीरों में,
फिसलती रेत सी क्यों हो गई है।
आजकल ऐ जिंदगी तू कितनी सस्ती सी हो गई है।