Bhagirathi Bisht won gold medal in Marathon

Flying Girl” Bhagirathi Bisht: उत्तराखंड की धाविका भागीरथी बिष्ट ने अपने अदम्य साहस और कठिन परिश्रम से एक और नया इतिहास रच दिया है। चमोली जनपद के देवाल ब्लॉक के वाण गांव की 23 वर्षीय बेटी ने रविवार को हैदराबाद में आयोजित प्रतिष्ठित मैराथन दौड़ में 42 किलोमीटर की दूरी मात्र 2 घंटे 51 मिनट में पूरी कर स्वर्ण पदक और पहला स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि पर उन्हें तीन लाख रुपये की धनराशि भी प्रदान की गई।

भागीरथी के गोल्ड मेडल जीतने पर उनके गांव वाण सहित पूरे चमोली जनपद में खुशी की लहर है। भागीरथी की इस शानदार सफलता से न केवल उत्तराखंड प्रदेश, बल्कि चमोली जनपद और पूरा क्षेत्र गौरवान्वित हुआ है।

उनके कोच सुनील शर्मा, जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर निवासी और स्वयं अंतरराष्ट्रीय मैराथन धावक हैं, ने बताया कि भागीरथी की सफलता उनकी मेहनत, संघर्ष और अनुशासन का परिणाम है। भागीरथी इससे पहले भी ईरान और देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित कई मैराथनों में हिस्सा लेकर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी हैं।

भागीरथी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। बचपन में ही पिता का साया उठ जाने के बाद उन्होंने कठिन परिस्थितियों में घर-परिवार की जिम्मेदारी निभाई। पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी होते हुए भी उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ घर के सारे काम किए और भाईयों की अनुपस्थिति में खेतों में हल तक खुद चलाया। कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने अपने सपनों को कभी टूटने नहीं दिया।

भागीरथी ने अपनी जीत के बाद कहा “मेरा सपना है कि एक दिन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर मैराथन में गोल्ड मेडल जीतकर तिरंगे को ऊंचा लहराऊं”। उनकी यह लगन और उपलब्धि आज पूरे उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। वर्तमान में “फ्लाइंग गर्ल” कही जाने वाली भागीरथी पौड़ी जनपद के रासी स्टेडियम में कड़ी मेहनत कर रही हैं। उनका सपना है कि आने वाले समय में ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मैराथन में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करें।