sangura-gindi-mela

बिलखेत: पौड़ी जनपद के नयारनदी किनारे स्थित मां भुवनेश्वरी मंदिर सांगुड़ा व घणडियाल गेंद मेला सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। जिस तरह कल मौसम खराफ हो गया था उसे देखकर व्यापारी मायूस दिख रहे थे। लेकिन आज मकर संक्रांति के दिन आसमान साफ रहा और मेले में आए कौथिगेरो ने जमकर खरीदारी की। सांगुड़ा स्थित माँ भुवनेश्वरी देवी मन्दिर में ढाई साल पुरानी गेंद प्रतियोगिता मेला में इस बार भी लंगूर पट्टी मनियारस्यू पर हावी रही। हर वर्ष की भांति आयोजित गेंद मेला समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्याक्रम में थडिया एवं चौफला लोकगीत, महिला मंगल दल सैनार, पंचाली महिलाओ ने भाग लिया।puriyadang-inter-college-gi

इस अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज पूरियांडांग की छात्राओं ने बेहतरीन लोकनृत्य प्रस्तुत किया। उन्हें प्रथम पुरस्कार दिया गया। वही सैनार और पंचाली को सयुंक्त विजेता घोषित किया गया। महिला रस्साकस्सी प्रतियोगिया में मनियासयू ने लंगूर को पटकनी दी। आयोजित कार्याक्रम में मुख्यथिति डॉ. राम सिंह रावत, मुख्य चिकित्साधिकारी हंस फाउंडेशन चमोलीसैण सतपुली ने कहां की मेलो के ज़रिए हमारी सांस्कृतिक सम्रद्धि झलकती हैं। एक दूसरे से मेल मिलाप होता था आज भी हमारे यहाँ मेलो का भव्य आयोजन किया जा रहा हैं। जिससे हमारी पौराणिक सासंस्कृति बची हुयी हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि नगर अध्यक्ष श्रीमती अंजना वर्मा ने कहा कि इस तरह के मेला आयोजनो को सरकारों को सवंर्धन करने की जरूरत हैं।bilkhet-gend-mela

कार्याक्रम की अध्यक्षता विनोद घिण्डियाल ने की। सभी विजेताओं को मुख्यथितियों के हाथों ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया। गेंद मेला समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह नेगी (पूर्व ब्लॉक प्रमुख) ने मुख्यअतिथि डॉ. रावत को हंस फाउंडेशन अस्पताल में गरीबों की सेवाभाव से सेवा के लिए अंगवस्त्र से समानित किया। इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री भाष्कर नैथानी, समाजसेवी गोकल सिंह नेगी, व्यापारसंघ अध्यक्ष एवं सभासद थामेश्वर कुकरेती, थाना अध्यक्ष जितेंद्र चौहान, ग्राम प्रधान सैनार प्रेम सिंह नेगी, पीएलबी पुष्पेंद्र राणा, शहीद मनीष पटवाल के पिताजी जगमोहन पटवाल, निर्मल नैथानी, मनोज नैथानी, आदि मौजूद रहे। कार्याक्रम का संचालन गिरीश नैथानी ने किया। वही घणडियाल में देवल, धारी, गौरण गांव के ग्रामीणों द्वारा मां राजराजेश्वरी मंदिर में देवी का निसान(ध्वज) चढ़ाया गया।

सांगुड़ा मंदिर से जगमोहन डांगी

यह भी पढ़ें

“जुग-जुग तक रालु याद सुमाड़ी कु पंथ्या दादा” के बलिदान दिवस की गाथा