Biometric Attendance in Uttarakhand: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के सभी सरकारी सभी विभागों को एक मई 2025 से अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक प्रणाली के जरिये करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सचिव (सामान्य प्रशासन) विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि एक मई 2025 से विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक से की जाएगी। इसके लिए सभी विभागों में बायोमेट्रिक की सुविधा को व्यवस्थित कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि यदि विभागों में बायोमीट्रिक मशीनें स्थापित नहीं हैं अथवा पर्याप्त संख्या में नहीं है। इसके लिए समय से आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं। पूर्व में स्थापित बायोमीट्रिक मशीनों में यदि कोई कमी है तो उसे ठीक करा लिया जाए। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों को वर्ष में कम से कम एक बार अनुभागों का विस्तृत निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने रोस्टर बनाकर अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों एवं अनुसचिवों से भी निरीक्षण कराने को कहा।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को अपने विभागों से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए वार्षिक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए, ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके तथा विलंब से बचा जा सके। उन्होंने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इसके लिए पूर्व में बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि सालाना अपने अचल संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगा। क्योंकि प्रमोशन के समय यह देखा जाएगा कि कार्मिक की ओर से अचल संपत्ति का विवरण दिया गया है या नहीं।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों की ओर से जनहित और राज्यहित में महत्त्वपूर्ण और प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार कर लें। जिससे जनहित से जुड़ी योजनाओं के लिए धनराशि की व्यवस्था की जा सके। साथ ही उन योजनाओं की स्वीकृति के लिए भी कार्रवाई की जा सके। सीएस ने सभी विभागीय अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि योजनाओं की सूची नियोजन विभाग और मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराए। मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किए जाने की बात कही है। भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए की जाएगी। विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने सभी विभागों की ओर से तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इससे योजनाओं को लागू करने में गति आएगी। कुछ राज्यों में ई-डीपीआर बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। एनआईसी के जरिए इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं के लिए ई-डीपीआर बनाए जाने के लिए व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही सभी विभागीय सचिव को सचिवालय प्रशासन विभाग की ओर से दिए गए निर्देशों के आधार पर साल में कम से कम एक बार अनुभागाों का विस्तृत निरीक्षण करें।
विभाग पोर्टल पर अपलोड करेंगे परिसंपत्ति का विवरण: इसी तरह का निरीक्षण रोस्टर के आधार पर अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों और अनुसचिवों को किए जाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में सभी अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित तमाम प्रकार के कामों के लिए एनुअल वर्क प्लान बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके और देरी से बचा जा सके। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, तमाम विभागों की ओर से अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची पहले गवर्नमेंट एसेट्स इन्वेंटरी (Government Assets Inventory) पर अपलोड किया गया था। लेकिन सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए गए।
अधिकारियों को देना होगा अचल सम्पत्ति का व्योरा
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में विवरण देते समय अनिवार्य रूप से अचल संपत्ति का विवरण दिया जाना अनिवार्य है। बैठक में यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारी समय से अपनी वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। उन्होंने वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल संपत्ति का विवरण घोषित किये जाने को अनिवार्य बनाए जाने की व्यवस्था बनाने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पदोन्नति के समय यह देखा जाएगा कि कर्मचारी ने अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत किया है अथवा नहीं।
देहरादून में बनेगा राज्य संग्रहालय
बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बताई गई। उन्होंने इसके लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में कोलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्णय हुआ। संस्कृति विभाग में पंजीकृत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी तथा निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी में रखे जाने के निर्देश दिए गए,ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके।