Black fungus (Mucor mycosis) : देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) नाम की एक और बीमारी भी तेजी से पाँव पसारने लगी है। अब तक गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र समेत देश के 10 राज्यों में करीब 9 हजार ब्लैक फंगस के मामले आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 5,800 मामले तो अकेले गुजरात में ही सामने आए हैं। गुजरात के अलावा महाराष्ट्र में 1500 मामले सामने आए हैं। जबकि 90 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। वहीँ राजस्थान में 400, हरियाणा में 276, बिहार में 117, यूपी में 154, उत्तराखंड में 61 तथा झारखंड में 16 मरीज ब्लैक फंगस का इलाज करवा रहे हैं।
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को इसे महामारी घोषित करने को कहा है। जिसके उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य इसे महामारी घोषित कर चुके हैं। वहीँ आज उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस (Mucor mycosis) को महामारी घोषित कर दिया गया। प्रदेश में ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। शनिवार को इस संबंध में उत्तराखंड शासन द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में महामारी के प्रोटोकॉल के तहत ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज होगा। उत्तराखंड में अब तक ब्लैक फंगस से 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि एम्स ऋषिकेश में अब तक ब्लैक फंगस के 61 केस मिले हैं।
क्या होती है महामारी?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार जब कोई बीमारी संक्रमण के जरिये बड़ी संख्या को प्रभावित करती है और फिर इसका प्रकोप अधिक बढ़ जाता है तो इसे महामारी (epidemic) घोषित कर दिया जाता है। किसी बीमारी के महामारी होने की घोषणा उसके कारण होने वाली मौतों, इंफेक्शन और पीड़ितों की संख्या पर भी निर्भर करती है। कोरोना संक्रमण से पहले भी चेचक, हैजा, प्लैग जैसी बीमारियां महामारी के रूप में घोषित की जा चुकी हैं। महामारी घोषित होने के बाद देश के सभी राज्य पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ जाते हैं। इसकी रोकथाम के प्रयास में तेजी आ जाती है। महामारी घोषित करने का फैसला विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को लेना होता है।
महामारी घोषित होने पर ICMR की गाइडलाइन का करना होता है पालन
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार स्टेट में महामारी घोषित होने के बाद राज्य के सीमा क्षेत्र के भीतर सभी प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिसर (ICMR) की गाइडलाइन के मुताबिक संक्रमण की जांच करनी होती है।
ब्लैक फंगस के लक्षण ?
- मरीज को तेज बुखार आना
- नाक बंद होना, सिर दर्द
- आंखों में दर्द, दृष्टि का क्षीण होना
- आंखों के पास लालिमा होना
- नाक से खून आना
- नाक के भीतर कालापन आना
- दांतों का ढीला होना
- जबड़े में दिक्कत होना
- छाती में दर्द होना
ब्लैक फंगस से बचाव के तरीके
- स्टेरॉयड थेरेपी की आवश्यकता वाले कोविड-19 के रोगियों में ग्लूकोज की निगरानी करना।
- स्टेरॉयड के उपयोग के लिए सही समय, सही खुराक और सही अवधि का निर्धारण रखना।
- ऑक्सिजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडिफायर के लिए स्वच्छ और शुद्ध जल का उपयोग करें।
- एंटीबायोटिक्स व एंटी फंगस का प्रयोग केवल तभी करें, जब चिकित्सक द्वारा परामर्श दिया गया हो।
- बंद नाक वाले सभी मामलों को बैक्टीरियल साइनसिसिस के मामलों के रूप में न लें।
- ब्लैक फंगस के लक्षण महसूस होने पर मेडिसिन, ईएनटी व नेत्र विशेषज्ञों को दिखाने में देरी न करें।