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Uttarakhand Black Fungus : उत्तराखंड में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों (DCH) को अधिकृत किया है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मंगलवार को इन अस्पतालों के सभी चिकित्सा अधीक्षकों को उपचार की तत्काल व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक देहरादून (118), ऊधमसिंह नगर (03) और नैनीताल (01) जिले में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या 118 हो गई है। वहीं, प्रदेश में अब तक 09 मरीजों की मौत हुई है। अब तक केवल 05 लोग ही उपचार के बाद घर लौट सके हैं।

मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिव स्वास्थ्य डा. पकंज कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका एक कारण यह है कि एम्स ऋषिकेश में पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के मरीज भी इस बीमारी का इलाज करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार में एंफोरटेरेसिन-बी का अहम रोल है। यह दवा दो तरह की है। इसमें एक एंफोरटेरेसिन-बी, लाइपोसोमल है जो ज्यादा असरकारक है। दूसरी साधारण एंफोरटेरेसिन है। प्रदेश को कोटे के हिसाब से 170 लाइपोसोमल मिली थी। इनमें से 90 का उपयोग किया जा चुका है। शेष विभाग के पास हैं। इसके अलावा 430 साधारण एंफोरटेरेसिन केंद्र से प्राप्त हुई थी, इनमें से 261 का उपयोग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि साधारण एंफोरटेरेसिन-बी का उत्पादन रुद्रपुर की एक कंपनी में शुरू हो चुका है। यहां से 15 हजार डोज 27 मई को मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा इस कंपनी को सात हजार और डोज का आर्डर दिया गया है। केंद्र से लाइपोसोमल की और मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा टोसलीजुमैब अब तकरीबन समाप्त हो चुकी है। इसके लिए केंद्र से 100 डोज की ओर मांग की गई है।

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