“हर विद्यालय में प्रतिदिन 20 मिनट पुस्तकों का पठन अभियान चलाएं”: जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया

पौड़ी: कहते हैं अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरन्त समझ में नहीं आते, उन्हें पढ़ना और समझना पड़ता है। कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। लोगों और किताबों के बीच की इस बढ़ती दूरी को पाटने की अनोखी पहल पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत के द्वारा पौड़ी गढ़वाल जनपद में देखने को मिली।

 राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार और पठन-पाठन की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौड़ी जनपद में पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का भव्य आयोजन राजकीय इंटर कॉलेज पौड़ी में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि डिजिटल युग में इस प्रकार की पहल अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने सभी विद्यालयों से आग्रह किया कि “हर विद्यालय में पुस्तकालय या किताब कॉर्नर अवश्य विकसित किया जाए और छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट पुस्तकों के पठन के लिए प्रेरित किया जाए।” उन्होंने कहा कि “पुस्तकें अमर होती हैं और ये व्यक्ति के विचारों को स्थायी रूप से प्रभावित करती हैं।” जिलाधिकारी ने पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास जनपद में पाठ्य संस्कृति को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

इस अवसर पर माननीय पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत के संदेश को भी साझा किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में हिन्दी भाषा को प्रमुखता देकर उसे विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने का लक्ष्य रखा गया है।

कार्यक्रम के दौरान हिन्दी साहित्य के चार प्रमुख साहित्यकार

(1) नरेन्द्र सिंह कठैत, (2) गणेश खुगशाल ‘गणी’, (3) वीरेन्द्र खंकरियाल, (4) संदीप रावत को सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही जनपद के चयनित 50 इंटर कॉलेजों को हिन्दी साहित्य से संबंधित श्रेष्ठ रचनाओं से समृद्ध मिनी लाइब्रेरी पुस्तकों का सेट वितरित किया गया।

मुख्य शिक्षा अधिकारी नागेन्द्र बर्त्त्वाल, मुख्य विकास अधिकारी गिरिश गुणवंत, और जिलाधिकारी श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया द्वारा संयुक्त रूप से सभी चयनित विद्यालयों को सम्मान पत्र भी प्रदान किए गए।

साहित्यकार वीरेन्द्र खंकरियाल ने कहा कि “सम्मान प्राप्त होने से साहित्य लेखन के प्रति प्रेरणा मिली है। एआई के इस युग में भी इस प्रकार के आयोजन नई पीढ़ी को पुस्तकों से जोड़ने का कार्य करेंगे।”

वहीं साहित्यकार संदीप रावत ने कहा कि “सोशल मीडिया के दौर में पुस्तक प्रेम घटा है, पर ऐसे कार्यक्रम नई पीढ़ी को पुनः पुस्तकों के प्रति आकृष्ट करेंगे।”

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्या शरण, सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी, समग्र शिक्षा पौड़ी ने कहा कि “पुस्तकें न हों तो शिक्षा और शिक्षक दोनों का कोई अस्तित्व नहीं रहता, क्योंकि पुस्तकें ही ज्ञान का सच्चा भंडार हैं।”

मुख्य शिक्षा अधिकारी नागेन्द्र बर्त्त्वाल ने कहा कि “माननीय पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत द्वारा पुस्तकों के माध्यम से ज्ञान की रक्षा के लिए यह अभियान पौड़ी जनपद की विशिष्ट उपलब्धि है। सोशल मीडिया के इस दौर में यह पहल विचारों के युद्ध में ‘पुस्तक’ को पुनः अस्त्र के रूप में स्थापित करती है।”

कार्यक्रम के आयोजक जीआईसी पौड़ी के प्राचार्य वेदप्रकाश डोभाल ने कहा कि “साहित्य समाज का दर्पण होता है। तुलसी, कबीर, रहीम, प्रेमचंद, प्रसाद और दिनकर जैसे लेखकों की कृतियाँ आज भी समाज को दिशा देती हैं।”

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन जयदीप रावत, अध्यापक राजकीय इंटर कॉलेज क्यार्क द्वारा किया गया, जबकि मीडिया समन्वय का दायित्व मुकेश कुमार ने निभाया।