Ghassiyari-kalyan-yojna

देहरादून :  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर राज्य कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना सहित कुल 7 प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिली। जिसके बाद अब पहाड़ की महिलाओं को घास के बोझ से निजात मिलेगी।

इसके अलावा संस्कृति विभाग के 57 शिक्षकों को 155 शिक्षकों में समायोजित किया गया है। साथ ही वन भूमि पर दी गई इसके नवीनीकरण और नई रिलीज को मंजूरी भी कैबिनेट द्वारा दी गई है। इसके साथ राज्य कैबिनेट ने उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार अधीनस्थ सेवा नियम वाली 2021 में 10 साल के लिए संशोधन तथा उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन प्रोत्साहन एवं सुविधा अधिनियम 2020 की धारा 87 में संशोधन किया गया है। साथ ही कोविड-19 के उपचार हेतु 600 बेड के अस्पताल जिसमें 50 आईसीयू बेड सम्मिलित होने के संदर्भ में निर्णय लिया गया है। इसके अलावा राज्य के कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय भी अभी नहीं खुलेंगे।

क्या है घस्यारी कल्याण योजना?

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है। जंगली जानवरों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याणकारी योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत सस्ते गल्ले की तरह प्रदेश में 7771 केंद्रों के माध्यम से गांवों तक पशुओं के लिए सस्ता चारा उपलब्ध कराया जाएगा।

कैबिनेट के फैसले :-

  • घस्यारी कल्याण योजना को कैबिनेट की मंजूरी।
  • संस्कृत शिक्षा विभाग के 57 शिक्षकों को 155 शिक्षकों में समायोजित किया गया।
  • वन भूमि पर दी गयी लीज के नवीनीकरण और नई लीज नीति को मंजूरी दी गई।
  • उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार अधिनस्थ सेवा नियमावली संशोधन को मंजूरी दी गयी है। अब 10 साल की सेवा के बाद सब इंस्पेक्टर बन सकेंगे इस्पेक्टर।
  • उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन प्रोत्साहन एवं सुविधा अधिनियम 2020 की धारा 87 में संशोधन को मंजूरी दी गयी है।
  • कोविड-19 के उपचार हेतु डेडीकेटेड 600 बेड के अस्पताल, जिसमें 50 आईसीयू बेड सम्मिलित होने के संबंध में निर्णय लिया गया।
  • जल जीवन मिशन में दो पदों को मंजूरी, अपर परियोजना निदेशक और एसई पदों को मंज़ूरी दी गई।
  • उत्तराखंड में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय अभी नहीं खुलेंगे।