Damini of Najafgarh

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में करीब 9 साल पहले उत्तराखंड मूल की दामिनी का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में जेल में बंद तीनों अपराधियों को फांसी दिलाने की मांग को लेकर आज एक बार फिर उत्तराखंडी समाज दिल्ली की सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ है।

उत्तराखंड एकता मंच दिल्ली के आहवाहन पर आज एक मार्च को उत्तराखंड समाज के सैकड़ों लोगों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर शाम करीब 5 से 7 बजे तक कैंडिल मार्च कर दामिनी के गुनहगारों को फांसी देने की मांग करते हुए दामिनी को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की।Damini of Najafgarh

बता दें कि 09 फरवरी 2012 को हुए इस जघन्य अपराध के लिए दिल्ली के द्वारका कोर्ट ने तीनों अपराधियों को फाँसी की सजा निर्धारित की थी और फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। लेकिन बावजूद इसके आज 9 साल गुजर जाने के बाद भी उत्तराखंड की इस बेटी को न्याय नहीं मिला, जबकि उसके साथ निर्भया से भी दर्दनाक हादसा हुआ था। इस बात से उत्तराखंड समाज काफी व्यथित है।

अब कल यानी 2 मार्च 2021 को सर्वोच्च न्यायालय में इस केस पर सुनवाई होगी। इसी के मद्देनजर न्याय पालिका का ध्यान आकृष्ठ कराने के लिए आज 1 मार्च 2021 को उतराखण्ड एकता मंच के आहवाहन पर सैकड़ों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंडियों ने गुनाहगारों को फांसी दो की मांग करते हुए मोमबतियां जलाई।Damini of Najafgarh

क्या हुआ था नजफ़गढ़ की दामिनी के साथ

बता दें कि दिल्ली के नजफगड़ में रहने वाली उत्तराखंड की बेटी दामिनी (बदला हुआ नाम) 9 फरवरी 2012 को गुडगाँव स्थित कम्पनी से काम करके अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़ स्थित छाँवला कला कालोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहसी दरिंदों ने तीनो लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी उसी दौरान तीनो दरिन्दे दामिनी को जबरन कार में बिठाकर वहां से ले गए। और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसके आँख, कान में तेज़ाब डालकर हैवानियत की सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक कर चले गए। उसकी सहेलियों ने दामिनी के अपहरण की खबर पुलिस व उसके घरवालों को दी। परन्तु पुलिस ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकलकर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और 14 फरवरी को दामिनी की लाश सदी गली हालत में पुलिस को हरियाणा के खेतों से मिली। और पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। अब 9 साल बाद 02 मार्च 2021 को सुप्रीम कोर्ट इन आरोपियों की सजा पर सुनवाई देने जा रहा है। इसी को लेकर उत्तराखंड एकता मंच के नेतृत्व में उत्तराखंड समाज के लोगों ने आज जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाल कर माननीय जजों से दामिनी को शीघ्र न्याय देने की गुहार की।