nanda gaura yojana

Haridwar News: उत्तराखंड में नंदा गौरा योजना के तहत बच्चे के जन्म पर मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए हरिद्वार जिले में बड़ी संख्या में लोगों ने आय प्रमाण पत्र का ही फर्जीवाड़ा कर डाला। जाँच में 193 आवेदकों की आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। जिसके बाद फर्जीवाड़ा के आरोपी 193 लोगों के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर 420 सहित विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं।

पुलिस ने ये कार्रवाई महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के निर्देश के बाद की। मंत्री रेखा आर्य ने हाल ही में मामले की जांच कर अपात्र लाभार्थियों और दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था कि योजना का लाभ लेने वाली सभी बालिकाओं के प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाए, ताकि कोई अपात्र पात्र बालिका का हक छीनकर योजना का लाभ न ले सके। गौरतलब है कि फर्जीवाड़े के चलते महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं। लिहाजा मामले में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कड़ा एक्शन लिया है। हरिद्वार में 193 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर योजना का लाभ लेने का आरोप है।

क्या है पूरा मामला

हरिद्वार जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया था। इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 में जन्म के आधार पर योजना का लाभ प्राप्त करने वाले कुल 1328 आवेदनों में से 70 एवं 12वीं पास के आधार पर लाभ लेने के लिए कुल 4174 आवेदनों में से 123 कुल 193 आवेदनों में आय प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ की गई। प्रमाण पत्रों में की गई छेड़छाड़ पर मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार इन आवेदनों को रद्द कर चुके हैं।

प्रदेश सरकार की ओर से नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना के तहत बालिकाओं के जन्म के समय 11 हजार रुपये माता-पिता को दिए जाते हैं। इसके बाद बालिका के इंटर पास करने पर 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। यह सहायता राशि पात्र बालिकाओं के अभिभावकों को दी जाती है।