सतपुली: चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र के कई इलाकों में लंबे समय से गुलदारों का आतंक बढ़ता जा रहा है। आये दिन गुलदार के हमले की घटनायें सुनाई देती हैं। गुलदार पालतू पशुओं के अलावा इसानों को निवाला बना रहा है। गुलदार के भय से शाम को अंधेरा होने से पहले ग्रामीण अपने घरों में आने के लिए मजबूर हो गए हैं। छोटे बच्चों, खेत, गौशाला आदि में काम करने वाली, पशुओं के लिए घास चारा आदि का इंतजाम करने वाली महिलाओं के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। गुलदार की दहशत के चलते के क्षेत्र की महिलाएं अपने मवेशियों के लिए घास काटने तक अपने खेतों में नहीं जा पा रही हैं।ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए समुचित इंतजाम करे।

बीते एक जनवरी को जब सभी लोग नए साल का जश्न मना रहे होंगे ठीक उसी समय एकेश्वर ब्लाक के पांथर गांव की महिला पुष्पा देवी पर गुलदार ने अचानक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल महिला का ऋषिकेश एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इस घटना के बाद मंगलवार को चौबट्टाखाल तहसील में ग्राम प्रधान विकास पांथरी के नेतृत्व में नौगांव- पांथर की महिलाओं के आह्वाहन पर एक सांकेतिक धरना दिया गया। इस धरने में चौबट्टाखाल बाजार समिति का बड़ा सहयोग रहा।  बाजार समिति ने सभी दुकानें बंद करवाकर सांकेतिक धरने में हिस्सा लिया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि ग्रामीण गुलदार के आतंक के साए में जीने को विवश हैं। लेकिन, सरकारी तंत्र के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। गुलदार प्रभावित गांवों में ग्राम सुरक्षा घेरबाड़ बनाने, इस दौरान ग्रामीणों को बंदूकों के लाइसेंस जारी करने, वन्य जीवों के लिए जंगल में फलदार पेड़ लगाने, गुलदार की गणना करने सहित कई मांगें की गई। साथ ही वन्य जीव के हमले में मारे गए व्यक्ति के स्वजन को 25 लाख का मुआवजा देने व एक सदस्य को रोजगार देने की मांग की गई।

इस मौके पर विकास पांथरी, पूर्व प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत, भलु लगद /फीलगुड के सुधीर सुंदरियाल, पूर्व जिलापंचायत सदस्य प्रवेश सुंदरियाल, बाजार समिति के कोषाध्यक्ष संजय रावत और पवन पांथरी ने अपने विचार रखे। डिग्री कॉलेज चौबट्टाखाल के छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल और उनकी टीम के सभी और क्षेत्र के जागरूक लोगों ने गुलदार की इस लड़ाई को, पूरे उत्तराखंड की लड़ाई बनाने और लड़ने का आश्वाशन दिया।