देहरादून : देहरादून-लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे प्रवासियों के लिए शुरू किया अभियान “घर चलो” लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 1,75,880 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 18156 लोगों को लाया जा चुका है। उत्तराखण्ड में फंस गए दूसरे राज्यों के 20 हजार लोगों ने वापस अपने राज्य जाने के लिए पंजीकरण कराया है, इनमें से 4780 को भेज दिया गया है। 03 दिनों में गुड़गांव से 8700 लोगों को लाने के प्लान पर काम किया जा रहा है। इसी क्रम में आज गुरूग्राम से हजारों फंसे प्रवासियों को वापस उत्तराखंड लाया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से फंसे हुए लोगों की घर वापसी हो रही है। आज गुरूग्राम से कुमाऊं क्षेत्र के सैकड़ों प्रवासियों को लेकर बसें उत्तराखंड के लिए रवाना हो चुकी है।
अहमदाबाद, सूरत, पुणे के साथ ही केरल से भी प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन के बारे में रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकारों से बात हुई है। कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में 45 हजार से अधिक कॉल रिसीव की गई हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सभी फंसे हुए प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया जायेगा। इस संकट की घड़ी में सभी धैर्य रखे। सरकार आपके साथ है। सरकार हर फंसे हुए प्रवासी को उनके परिजनों तक पहुंचायेगी। वही प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं। गुरूवार को भी सैकड़ों लोगों को लेकर बसें हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम पहुंची, जहां से युवाओं की स्कैनिंग और मेडिकल परीक्षण कर उन्हें कुमाऊं भर के जिलों के लिए रवाना कर दिया गया।
राज्य सरकार प्रवासियों को निशुल्क बसों में लाने के साथ-साथ उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था कर रही है। आज बस में बैठने के बाद युवाओं ने कहा कि उनसे किसी तरह के टिकट और खाने का पैसा नहीं वसूला गया है। सरकार द्वारा उनकी घर वापसी को लगाई गई बसों की युवाओं को प्रशंसा की। बसों में बैठने के बाद युवाओं के चेहरे पर मुस्कान नजर आयी।