श्रीनगर गढ़वाल : कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हालाँकि इस वर्ष श्रीनगर गढ़वाल में हर वर्ष होने वाले ऐतिहासिक एवं पौराणिक बैकुंठ चतुर्दशी मेले का आयोजन नहीं किया गया। परन्तु इस महामारी के बावजूद श्रद्धालुओं की अटूट आस्था के चलते श्रीनगर के कमलेश्वर महादेव मंदिर मे सदियों से चली आ रही “खड़ दिया“ पूजा का आयोजन किया गया। शनिवार को दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, देहरादून सहित देश के विभिन्न शहरों से 125 से अधिक निसंतान दंपति अनुष्ठान के लिए कमलेश्वर मंदिर में पहुंचे।
शनिवार को गोधूलि बेला पर कमलेश्वर मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। मंदिर के मंहत आशुतोष पुरी ने गोधूलि बेला पर निसंतान दंपतियों को श्रीफल देकर अनुष्ठान का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर कमलेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य शिवालयों में 365 रुई की बत्तियां भगवान शिव को अर्पित की गईं। निसंतान दंपति आज जलते दीये को हाथ में लेकर रात भर खड़े-खड़े भगवान शिव की आराधना करेंगे। रविवार को तड़के अलकनंदा नदी में दीपदान कर स्नान के बाद मंहत दंपतियों को आशीर्वाद देकर पूजा संपन्न करेंगे। मान्यता है कि खड़ा दिया अनुष्ठान से निसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति होती है।
कोरोना संकट को देखते हुए इस बार कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने वाले दंपतियों को ही बैकुंठ चतुर्दशी के पर्व पर आयोजित होने वाले खड़ा दीया अनुष्ठान में शामिल होने की अनुमति की शर्त रखी गई थी। जिसके चलते इस वर्ष कुल 130 निसंतान दंपतियों ने खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण कराया था।