श्रीनगर : स्वैच्छिक शिक्षक मंच के ग्रीष्मकालीन रचनात्मक शिविर लर्निंग विद उलार के तीसरे दिन बच्चों ने कला, थियेटर स्कैच, केलिग्राफी, स्टोरी ट्रैलिग व कागज के फूल बनाने की बारीकियों को आत्मसात किया। इस मौके पर कोतवाली पुलिस द्वारा बच्चों को नशा मुक्ति के लिये जागरूक किया गया और शपथ दिलवाई गई।
स्वैच्छिक शिक्षक मंच के उलार शिविर में रविवार को बच्चों ने बेहद खुशनुमा माहौल में स्केचिंग, पेंटिंग, कैलीग्राफी आदि की बारीकियों को समझा। बहुआयामी व्यक्तित्व आशीष नेगी व प्रदीप रावत, रजनीश कोठियाल व अरुण कुमार ढौंडियाल ने आसान तरीकों से कला पर चर्चा की। उन्होंने चित्रकारी को कहानियों के जरिये समझाया। कैलीग्राफी (सुलेख) को लेकर बच्चों में खासा उत्साह नजर आया। प्रशिक्षकों ने इस मौके पर कबाड़ से आकर्षक शो पीस, मुखौटे, कालीन आदि बनाने के आवश्यक टिप्स भी दिये।
इससे पूर्व जीजीआईसी में आयोजित इस शिविर में रविवार के दिन की शुरूआत योगाभ्यास से हुई। योगाचार्य कंचन धनाई, आकाश रावत आदि ने बच्चों को प्राणायाम और मेडिटेशन करवाया। इसके बाद ताड़ासन, गरुड़ासन, कुकुट्टासन, पूर्वोत्तान आसन आदि का अभ्यास व इनसे होने वाले फायदों के बारे में भी बताया गया।
दिन के दूसरे सत्र में थाना श्रीनगर की टीम हरिओम चौहान की पहल पर पुलिस ने नशा मुक्ति अभियान के तहत बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में समझाया। साथ ही एसएसआई संतोष पैथवाल ने सभी बच्चों को नशा न करने की शपथ भी दिलवाई।
इस अवसर पर आयोजन के संयोजक अरविंद नेगी व महेश गिरि द्वारा नशे की मुहिम का स्वागत करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस को स्वैच्छिक शिक्षक मंच श्रीनगर की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया
साथ ही आशीष नेगी व प्रदीप रावत को उनके शिक्षा के अभिनव प्रयोग के लिए सम्मानित किया गया
कार्यक्रम में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जगमोहन कठैत, भवान सिंह रावत, जसपाल सिंह गुंसाई, प्रदीप अंथवाल, विमल बहुगुणा, कमलेश जोशी, हेम चन्द्र मंमगाई, मुकेश काला, श्रीकृष्ण उनियाल, शंकर कैन्थोला, अजय सेमवाल, देवेन्द्र उनियाल, केशर सिंह असवाल, कृपाल सिंह पटवाल, शिव सिंह नेगी, पीयूष उनियाल, दीपक भेंगवाल, सतीश बलोनी, अभिषेक बहुगुणा, जगपाल सिंह चौहान, अनुप बहुगुणा, पूजा नेगी, मीनाक्षी पाण्डेय, परवेज अहमद आदि मौजूद थे।
चौथा दिन यानी 20 जून 2022 मौखटा व कठपुतली निर्माण इस विषय पर नामचीन कलाकार अरविंद नेगी, दीपक भैगवाल होगे साथ ही इस दिन गढबोली परिचय प्रेम मोहन डोभाल (रूद्रप्रयाग), देवेन्द्र उनियाल, छात्र-छात्राओं को लोकभाषा की जानकारी देगे।