Uttarakhand News: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में शुक्रवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से अगस्त्यमुनि क्षेत्र के कई गांवों में भारी तबाही मच गयी। रूमसी में बादल फटने की घटना से कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है। चमेली, बगरधार तोक, गिंवाला, सौड़ी और सिलकोट क्षेत्र में आधी रात के बाद हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। मकान, गौशालाएं, पेयजल योजनाएं, सिंचाई नहरें, वाहन और संपर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
वहीं अगस्त्यमुनि क्षेत्र में अतिवृष्टि की सूचना मिलते ही केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने तत्काल प्रशासन से बात कर राहत एवं बचाव कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। कहा कि प्रभावितों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उन्हें तात्कालिक मदद दी जाए। वहीं उत्तराखण्ड महिला आयोग की उपाध्यक्ष शैलपुत्री ऐश्वर्या रावत ने भी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
सौड़ी क्षेत्र की सभासद सोनिया सजवाण ने बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र और चमेली ग्राम सभा के बगरधार तोक में देर रात अतिवृष्टि के चलते भारी भूस्खलन हुआ है। स्थानीय निवासी महेंद्र सिंह सजवाण, दीपक सिंह, दिनेश सिंह, यशवीर सजवाण, दलीप सिंह, अवतार सिंह, जगदीश सिंह सजवाण समेत 10 से अधिक परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। इनमें से चार आवासीय भवन पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। राजस्व विभाग की टीम और नगर पंचायत अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी, सभासद सोनिया सजवाण ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। प्रभावित परिवारों को रहने के लिए पंचायत भवन में व्यवस्था की गई है। वहीं, बगरधार के स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से तत्काल राहत व पुनर्वास की मांग की है। बनियाड़ी वार्ड के समीप परबू तोक में बसे आठ परिवारों को भी खतरा बना है। स्थानीय निवासी सौरभ सिंह ने बताया कि यहां आवासीय भवनों के ऊपर चार जगहों पर भूस्खलन हुआ है। चमेली गांव के पणधारा तोक के चरपाणी में सड़क का पूरा पुस्ता बह चुका है, जिससे दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया। चमेली निवासी जयानंद भारती ने बताया कि रात की बारिश से गांव जाने के पैदल रास्ते भी कट गए हैं और पेयजल व सिंचाई की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
अमोटा पेट्रोल पंप के पास तिगड्डू गदेरे में आए भारी मलबे से वसुंधरा होमस्टे को भारी क्षति पहुंची है। होमस्टे के कमरों में रखा सारा सामान मलबे में दब गया है, जबकि किचन पूरी तरह मलबे से भर चुका है। एक बलेनो, एक स्कॉर्पियो और एक स्कूटी भी मलबे में दब गई। वहीं, बेडूबगड़ क्षेत्र में सड़क से आए मलबे के कारण हिमालयन होम स्टे की सुरक्षा दीवार ढह गई है, जिससे भवन को खतरा उत्पन्न हो गया है। एक पुलिया बह गई है और सड़क के नीचे बसी बस्ती के लिए खतरा बना है।
विजयनगर गदेरे के उफान में पैदल मार्ग की टाइल्स बह गयी। वहीं ताली बगर वार्ड में कई आवासीय भवनों के पुस्ते ढ़हने से वे खतरे की जद में आ गये हैं। देर रात्रि आये जल प्रवाह को देखकर लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। विजयनगर वार्ड के धान्यू में आवासीय मकानों के ऊपर भारी मलबा और पत्थर आने से खतरा बन गया है। वहीं कई आवसीय भवनों के पुस्ते ढ़हने से वे खतरे की जद में आ गये हैं। स्थानीय निवासी नीरज मलासी ने बताया कि देर रात उनके मकान के ऊपर जंगल के हिस्सा अचानक दरकने लगा। बड़े पत्थर और मलबा मकानों से कुछ दूरी पर अटका है। नपं सभासद विक्की आनन्द सजवाण ने मौके पर जाकर प्रभावितों से नुकसान का जायजा लिया तथा शीघ्र ही आवासीय भवनों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।
नपं के नाकोट में कई आवासीय भवनों में बरसात का पानी भर गया। इससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं स्टेट बैंक कालोनी में भी कई घरों में बरसाती पानी घुस गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि एनएच द्वारा अगस्त्यमुनि बाईपास के लिए बनाई जा रही सड़क का मलबा भारी बारिश में बहकर आवासीय क्षेत्र में घुस रहा है, जिससे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बरसात से पूर्व विभाग को इसको लेकर सूचित किया गया था, मगर विभाग द्वारा इस पर अनदेखी की गई। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। इसके अलावा विजयनगर-पुराना देवल में पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने से एक दर्जन वाहनों को भारी क्षति पहुंची है।
राहत की बात है कि अभी तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी मलबा हटाने का कार्य जारी है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।