देहरादून: एक बार फिर उत्तराखण्ड के कई जिले मे प्राकृतिक आपदा से चपेट में आ गए हैं। उत्तराखण्ड के चार जिलों में बादल फटने से भारी नुकसान की खबर आ रही है। हालांकि अभी उत्तराखण्ड में मानसून आने में वक्त है, परन्तु शुक्रवार को एक के बाद एक टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी और नैनीताल जिलों में बादल फटने से नदी-नालों में तेज उफान के चलते कई घरों में पानी घुस गया। जिसके चलते स्थानीय सड़कें एवं पैदल मार्ग बहने से कई गांवों का मुख्य मार्गों से संपर्क भी कट गया है। पौड़ी गढ़वाल के थलीसैण ब्लॉक के अंतर्गत बमोर्थ गांव में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तेज बारिश से दो गोशाला बह गई, वहीं चार मवेशियों के मरने की भी खबर है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में बादल फटने से बरसाती नदी-नालों ने भी उग्र नदी रूप ले लिया है। इसके चलते खेतों में मलबा भर गया है तथा कुछ गांवों का संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गया और पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई। उधर उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री के प्रमुख पड़ाव बड़कोट के पास बरसाती नदी को पार करते हुए एक दम्पति और उनकी आठ साल की बच्ची बह गई, स्थानीय लोगों की मदद से माता-पिता को बचा तो लिया गया, लेकिन बच्ची का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
वहीँ भारी बारिश के चलते मंदाकिनी नदी एक बार फिर उफान पर है। शुक्रवार को रुद्रप्रयाग के पास विजयनगर में बने अस्थायी पुल के दो पिलर क्षतिग्रस्त हो गए। अस्थायी पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। पुल बंद होने से फिलहाल क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों को ट्रॉली से ही आवागमन करना पड़ रहा है। वहीं सूचना मिल रही है की नैनीताल के बेतालघाट ब्लॉक के कटमीगजार गाँव में बादल फटने से गांव के घरों में भी पानी घुस गया है। कई नाली कृषि भूमि बह गई, पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई। इसके अलावा रामनगर-गर्जिया-बेतालघाट मोटर मार्ग छतिग्रस्त होने से यातायात भ ठप हो गया है।
भारी बारिश का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है, कल चमोली में भारी बारिश के कारण मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे मार्ग आठ घंटे बंद रहा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 से 36 घंटों में भारी बारिश हो सकती है जिसे देखते हुए शासन ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ ही स्थानीय पुलिस को भी सतर्क कर दिया गया है।