कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान

देहरादून: दुनिया के कई देशों की तरह हमारे देश में भी कुपोषण एक बड़ी समस्या है. इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार की ओर से हर साल 01 से 07 सितंबर तक नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। उत्तराखण्ड में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर मंगलवार को पोषण अभियान 2019 के अंतर्गत ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की शुरूआत की गई। इसमें प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री आवास में इस अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर 20 बच्चों को गोद लिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योगिता पुत्री श्रीमती रेखा, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अनिषा पुत्री श्रीमती गुड़िया, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने निहारिका पुत्री श्रीमती सीमा, विधायक गणेश जोशी ने भूमिका, मेयर सुनील उनियाल गामा ने निहारिका पुत्री श्रीमती प्रियंका, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने नैंसी पुत्री अतर सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने विनायक पुत्र श्रीमती शीतल, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन ने आयुष पुत्र श्रीमती राजेश्वरी, सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने आन्या, आरके सुधांशु ने अरहम, नीतेश झा ने नैना, शैलेश बगोली ने उमर, श्रीमती सौजन्या ने अभिषेक, हरबंस सिंह चुघ ने राज, अरविंद सिंह ने हमजा, पंकज पाण्डे ने शुभान, विनोद प्रसाद रतूड़ी ने जोया, बीएस मनराल ने प्रियांशु, बीके संत ने शौर्य व एचसी सेमवाल ने दिव्यांशी को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने की जिम्मेवारी ली है। वहीँ समाजसेवी व उद्योगपति राकेश ओबेराय ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से 100 कुपोषित बच्चों को गोद लेने की बात कही।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत बुधवार को उनके द्वारा गोद ली गई बच्ची योगिता के अजबपुर कला स्थित घर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने योगिता के माता-पिता से उनके पोषण, खानपान और दिनचर्या की जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने उसके वजन व कुपोषण से मुक्ति के लिए कितना वजन होना चाहिए इसकी जानकारी ली और उन्हें पोषण युक्त आहार दिया। अभी योगिता की वजन 8 किग्रा 500 ग्राम है। 3 माह में योगिता का वजन यदि 9 किग्रा 600 ग्राम हो जाता है, तो वह कुपोषण मुक्त हो जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को कुपोषण से मुक्त करने के लिए पोषण अभियान के तहत जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने बच्चों को गोद लिया है। अभी तक 94 अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों को गोद लिया है। राज्य सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों को उत्तम ‘ऊर्जा’ आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जन जागरूकता व समाज के सहयोग से उत्तराखण्ड को कुपोषण मुक्त बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी कुपोषित बच्चों की निरन्तर मोनिटरिंग की जायेगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधि, अधिकारी व समाज सेवी संस्थाएं आगे आ रही हैं। इस अवसर पर देहरादून के मेयर  सुनील उनियाल गामा भी उपस्थित थे।