फरीदाबाद: उत्तराखंड मूल के फरीदाबाद निवासी गंभीर सिंह राणा द्वारा बीते रविवार को अपने घर के बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले में परिजनों ने कंपनी के अधिकारियों पर प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाये हैं। बतादें कि अशोका इन्क्लेव सेक्टर 35 फरीदाबाद निवासी गंभीर सिंह राणा दिल्ली की एक कंपनी में बतौर प्रोडक्शन मैनेजर काम करते थे। बीते रविवार को गंभीर सिंह राणा ने अपने घर के बाथरुम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गंभीर सिंह राणा मूल रूप से उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रतापनगर विधानसभा के जौलंगी गांव के रहने वाले थे।

मृतक गंभीर सिंह राणा के परिजनों ने कंपनी के अधिकारियों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं। उनकी बेटी मानसी राणा ने सराय ख्वाजा थाना पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि उनके पिता बीते 26 साल से कॉल स्टार्ज एंडोस्कोपी प्राइवेट लिमिटेड (KARLSTORZ ENDOSCOPIY PVT LTD) कंपनी नारायणा विहार, नई दिल्ली में प्रोडक्शन मैनेजर थे। पिछले 10-15 दिनों से कंपनी के डायरेक्टर हेमंत आनंद, सर्विस मैनेजर रूप नंदा, विशाल अरोड़ा, हर्ष खुराना, आयुष जैन एवं अन्य अधिकारी उन्हें ऑफिस के काम को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, व उन पर इस्तीफा देने का दवाब बना रहे थे। यही नहीं इस्तीफा न देने पर उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी दे रहे थे और उनसे कुछ प्लेन पेपर्स पर साइन भी करा लिए थे। इसी टेंशन में 29 अगस्त को ऑफिस जाते हुए उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटलाइज्ड किया गया। कंपनी के लोगों ने उन्हें वहां आकर भी धमकाया।

बेटी का आरोप है कि कंपनी द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के चलते ही उनके पिता ने 1 सितम्बर की दोपहर लगभग साढ़े 12  बजे टॉयलेट में फांसी लगा अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। मानसी ने बताया कि रविवार को करीब 12 बजे उनके पिता गंभीर सिंह राणा नहाने के लिए बाथरूम में गए, लेकिन काफी देर तक बाथरूम से बाहर नहीं निकले। परिवार ने गेट खटखटाया और आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद पड़ोसियों को बुलाकर गेट तोड़ा गया तो वह पंखे से कपड़े के सहारे लगे फंदे से लटके थे। शरीर से जगह-जगह से खून निकल रहा था। उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस द्वारा जांच जारी है।