उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद आखिरकार हाईकमान ने रविवार शाम को नई टीम तैयार की है। लेकिन कांग्रेस के इस फेरबदल के बाद भी पार्टी में विरोध के स्वर भी उभरने लगे हैं। वहीं सीएम धामी और प्रीतम सिंह की हुई मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब नई टीम और नए चेहरों के साथ कांग्रेस देवभूमि में आगे की तैयारियों में जुट गई है। लेकिन इस बार कांग्रेस हाईकमान ने कुमायूं पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष करण महारा और नेता प्रतिपक्ष इस बार बाजपुर विधानसभा से कांग्रेस के सीट पर जीते यशपाल आर्य को नियुक्त किया है। वहीं खटीमा से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हराने वाले भुवन चंद कापड़ी विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं। यह तीनों नेता कुमाऊं से आते हैं।
अभी तक उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह थे। यह दोनों नेता गढ़वाल क्षेत्र से आते हैं। कांग्रेस की इस नई टीम में गढ़वाल से किसी को जगह न दिए जाने पर विरोध भी शुरू हो चुका है। करण महारा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष और भुवन चंद कापड़ी को उप नेता प्रतिपक्ष बनाने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुश हैं तो वहीँ प्रीतम सिंह का खेमा मायूस नाराज है।
कांग्रेस में हुए नए फेरबदल को लेकर प्रीतम सिंह का खेमा मायूस
हाईकमान के फैसले से पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समर्थकों में नाराजगी है। चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम के हजारों समर्थक हाईकमान से उम्मीद लगाए हुए थे कि उन्हें दोबारा नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस की नई टीम के गठन के बाद हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच गुटबाजी एक बार फिर से बढ़ गई है। प्रीतम सिंह के समर्थक कांग्रेस की नई टीम को तैयार करने में हरीश रावत की भूमिका बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में हुए फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से मुलाकात कर एक बार फिर से राज्य की सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।